कमल गुप्ता। बैजनाथ:
ऐतिहासिक शिव मंदिर में इस बार घृतमंडल पर्व पर शेषनाग के साथ भोले नाथ विराजमान हुए। चार क्विंटल माखनरूपी घी से बने पेड़ों से तैयार लगभग 5 फीट ऊंचे घृत को कई सालों बाद एक अलग रूप दिया गया। मंगलवार दोपहर पावन पिंडी का जलाभिषेक व आरती करने के बाद घृत को बनाने का काम शुरू हुआ।
जलभिषेक व आरती में विधायक मुल्खराज प्रेमी, मंदिर सह आयुक्त एवं एसडीएम छवि नांटा व मंदिर न्यास के सदस्य विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस विशालकाय घृत मंडल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए कांगड़ा बज्रेश्वरी मंदिर से आए पुजारियों पंडित उमा शंकर, अजय शर्मा, दिवाकर शर्मा व बैजनाथ मंदिर के पुजारी पंडित धर्मेंद्र शर्मा, आचार्य सुरेंद्र शर्मा, शांति स्वरूप, मनोज सुग्गा ने सहयोग किया। उन्होंने बताया कि घृत को अगले सात दिनों तक पावन पिंडी पर रखा जाएगा व 21 जनवरी के दिन इसे पिंडी से उतारकर प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा। उन्होंने बताया कि घृत चर्म रोगों के लिए अति लाभकारी होता है व यही कारण है कि इसे लेने के लिए दूर-दूर से भक्तजन यहां आते हैं।
बैजनाथ मंदिर में बंटा खिचड़ी का प्रसाद
मकर संक्रांति पर्व पर बैजनाथ मंदिर में रात को खिचड़ी का प्रसाद लोगों में बांटा गया। बैजनाथ की एसडीएम छवि नांटा ने बताया कि मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है व अगले सात दिन बाद घृत पर्व सम्पन होगा। इसके अलावा संसाल मुकुट नाथ मंदिर, महाकाल मंदिर, पूठे चरण मंदिर व पालिकेश्वर में भी घृतमंडल बनाकर यह पर्व बडी धूमधाम से
मनाया जा रहा है ।