हिमाचल दस्तक,आरडी पराशर। सराहां : पच्छाद में उपचुनाव में भाजपा पहले टिकट देरी से देने में चर्चा में रही तो अब अपने ही विरोध में आजाद उम्मीदवार के रूप मे खड़े हो गए हैं। इससे अब भाजपा को अंतर्कलह का सामना करना भी मुश्किल में डाल रहा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप में नामांकन में आए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वयं ही यह साफ कर दिया है कि टिकट मांगना सबका अधिकार है पर टिकट किसी एक को मिलना है जो पार्टी हाईकमान ने तय किया है।
भाजपा से बगावत कर दयाल प्यारी व आशीष सिक्टा ने आजद प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। उससे एक तरफ सरकार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगूराम मुसाफिर को भाजपा की गुटबाजी में अपनी जीत साफ नजर आ रही है। कांग्रेस खेमे में भाजपा की अंर्तकलह की वजह से खासी खुशी का माहौल है।
जिस तरह से भाजपा के बागी नेताओं ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत कर आजाद दावेदारी ठोक दी है वह भाजपा के पक्ष में कतई भी अच्छी नही है। खासकर क्षेत्र वाद को लेकर जिसमे गिरिवार व गिरिपार से उमीदवार को लेकर काफी चर्चा भी हुई। जिसमे अधिकतर दावे यह हुए कि इस बार टिकट राजगढ़ के गिरिपार को मिलना चाहिए।
अब हाई कमान ने भी गिरिपार क्षेत्र को तरजीह देकर साथ ही महिला प्रतियाशी तथा कास्ट फेक्टर को ध्यान में रख कर रीना कश्यप को मैदान में उतार दिया है, जिससे पूरे पच्छाद विस क्षेत्र को खुश करने का भी प्रयास सरकार द्वारा किया गया। सबसे बड़ी बात सुरेंद्र चौहान जो सांसद सुरेश कश्यप के जीजा है को टिकट न देकर रीना कश्यप को भाजपा का प्रत्याशी घोषित कर भाजपा ने करीबी रिश्तेदारी के फेक्टर को भी खत्म कर दिया।
हालांकि सांसद सुरेश कश्यप और सुरेंद्र चौहान का कोई ब्लड रिलेशन नही है फिर भी टिकट आबंटन के दौरान सुरेंद्र चौहान को लेकर पार्टी के अंदर करीबी रिश्तेदार बताकर उन्हें टिकट की दावेदारी से दूर ही रखा। अब चर्चा यह भी हो रही है कि पच्छाद भाजपा के अंदर ऐसा क्या हो गया है कि जिसकी वजह से रीना कश्यप का नामांकन भरने आए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने भाजपा के ही आशीष सिक्टा के समर्थक नारेबाजी करते नजर आए, जिन्होंने सांसद सुरेश कश्यप के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं दूसरी तरफ भाजपा की ही नेत्री आजाद उमीदवार के तौर पर नामांकन भरकर बड़े नेताओं पर आरोप और प्रश्नचिन्ह लगाती दिखाई दीं।