- महाराष्ट्र में उलझी भाजपा हाईकमान के पास अभी समय नहीं
- दिल्ली से लौटे सीएम बोले-केंद्रीय नेतृत्व जब बोलेगा तब करेंगे
- मंत्रियों के विभागों में बदलाव की संभावना से भी इनकार नहीं
राजेश मंढोत्रा। शिमला : राज्य में बहुचर्चित मंत्रिमंडल विस्तार अब अगले महीने तक टल सकता है। इसकी दो वजहें हैं। एक तो महाराष्ट्र में उलझे भाजपा हाईकमान के पास अब इसके लिए समय नहीं है और दूसरा दिसंबर में होने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही मंत्रिमंडल को लेकर भी फैसला हो सकता है।
दिल्ली प्रवास से शनिवार को शिमला लौटे सीएम जयराम ठाकुर ने भी यही संकेत दिये हैं। अनाडेल में हेलिकॉप्टर से उतरने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बहुत सारे मसलों को लेकर दिल्ली गया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक ये दिल्ली का सबसे लंबा प्रवास था। करीब 12 केंद्रीय मंत्रियों और संगठन के नेताओं से मिलना हुआ। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, पर्यटन मंत्री, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, हाइवे और रेलवे मंत्री से राज्य के लंबित मसले उठाए।
विस्तार से सारे विषयों पर चर्चा हुई। बहुत सारे मसले लंबित थे, जिनको आगे बढ़ाने की जरूरत थी। सभी के साथ सकारात्मक चर्चा हुई। इसमें मंत्रिमंडल विस्तार और नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी शामिल है। कैबिनेट को लेकर बात हाईकमान में रखी है। इस बारे में आने वाले समय में कोई नई व्यवस्था होने वाली है। संगठन के स्तर पर भी बदलाव होंगे। लेकिन ये सब कम होगा, ये केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। जब वहां से ग्रीन सिग्नल होगा, ये हो जाएगा। अब ये मसला केंद्रीय नेतृत्व के पाले में है। हमने अपनी बात रख दी है। मंत्रियों के विभागों में बदलाव से संबंधित संभावना से भी सीएम ने इनकार नहीं किया।
प्रशासनिक फेरबदल बहुत जल्द
राज्य में प्रशासनिक स्तर पर फेरबदल बहुत जल्द होगा। जिस तरह तैयारी चल रही है, इस बार ये बदलाव मुख्यमंत्री कार्यालय में भी संभावित हैं। प्रशासनिक सचिवों से लेकर कुछ जिलों के जिलाधीश भी बदले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दिल्ली दौरे पर भी कुछ सचिवों से इस बारे में फीडबैक लिया है। इधर कार्मिक विभाग भी नई सूची में कुछ दिन से माथापच्ची कर रहा है। सीएम ने भी एक सवाल के जवाब में कहा कि इसकी जरूरत है।
पत्र बम मामले में कार्रवाई होगी
बहुचर्चित पत्र बम पर स्थिति स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री कहा कि इस मामले में जांच किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं करवाई गई है। कार्रवाई पत्र वायरल करने वाले के खिलाफ है। इसमें जो कुछ भी था, वह सबके सामने है। पुलिस भी मामले की जांच कर रही है, जो कुछ भी होगा वह सामने आ जाएगा। ये अच्छी परंपरा नहीं है। मामला अब संगठन और हाईकमान तक पहुंच गया है। इसलिए इस मामले में उचित कार्रवाई भी जरूरी होगी।