सुदर्शन ठाकुर। पतलीकूहल
द व्हाइट एक्सपीडिशन की टीम जिसका लक्ष्य कांग्यात्से 1 (6400 mtr) और कांग्यात्से 2 (6235 mtr) को एक साथ, सबसे जल्दी फतेह करना था। टीम सदस्यों के हौंसले ने यह कर दिखाया है। बता दें कि तीन पर्वतारोहियों के इस दल का नेतृत्व कर रहे राहुल ठाकुर (रिकी माउंटेनियर) के साथ निकिता ठाकुर और साहिल मलिक इस टीम में शामिल थे। इस दल ने मरखा घाटी का रास्ता चुन, पहले दिन 16km का रास्ता तय कर हुंकार गांव में कैंप किया।
दूसरे दिन 18 km का ट्रेक कर सीधे कांग्यात्से 1 के एडवांस बेस कैंप पहुंच गए। रिकी के प्लान के अनुसार उन्हें रात को ही कांग्यात्से 2 के लिए निकलना था, परंतु खराब मौसम के कारण टीम को सुबह तक का इंतज़ार करना पड़ा। अगली सुबह 24 जुलाई सुबह 8:30 am, टीम ने कांग्यात्से 1 की कठिन चढ़ाई शुरू की और दोपहर के 1:30 बजे इन्होंने इस महान पर्वत की चोटी पर द व्हाइट एक्सपीडिशन का झंडा लहराया। यह टीम बस इतने से खुश नहीं थी, क्योंकि इनका लक्ष्य अभी दूर था। तीव्र गति से कांग्यात्से 2 के बेस कैंप की ओर निकले। इतना ही नही थकान के बावजूद कुछ खूबसूरत कर गुजरने का जस्बा इन्हे अपनी मंजिल की ओर अग्रसर होने में मदद कर रहा था। उसी दिन टीम कांग्यात्से 2 के एडवांस बेस कैंप पहुंच कर सिर्फ 4 घंटे के आराम के बाद रात 2:00 am बजे अपने लक्ष्य कांग्यात्से 2 की चढ़ाई शुरू कर दी। उल्लेखनीय है कि चार घंटों की खड़ी चढ़ाई और मेहनत के बाद टीम ने सुबह छह बजे कांग्यात्से 2 चढ़ एक नया रिकॉर्ड बनाया। टीम उसी दिन लेह को रवाना हो गई।
हिमाचल के लिए गौरव की बात
रिकी का कहना है,” खराब मौसम और कांग्यात्से १ की टेक्निकल क्लाइंब काफ़ी चैलेंजिंग थी। इस बीच पहाड़ों को समझ कर, रिस्क का आंकलन कर इनपर विजय हासिल करने में अच्छा महसूस होता है। इतना ही नही जब अपने साथ एक अच्छी टीम हो, निकिता ठाकुर और साहिल मालिक की तरह, तो चीज़ें मुमकिन हो जाती है। उन्होंने बताया कि जिस मुकाम को हासिल करने में आम तौर पर लोगों को 7 दिन का समय लगता है। हिमाचल के पर्वतारोहियों ने यह मात्र 24 घंटे में यह सब कर दिखाया। यह हिमाचल के लिए गौरव की बात है।