मस्तराम डलैल : शिमला
बजट सत्र की सियासी पिच पर उछल रहे कर्जे के मुद्दे पर सीएम ने कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है। खास है कि उन्होंने कांग्रेस के इस बाउंसर पर छक्का जड़कर विरोधियों को चित करने का प्रयास किया है। सदन में लगातार विपक्ष यह आरोप लगा रहा था कि जयराम सरकार को ऋण लेने के लिए याद किया जाएगा। बुधवार को बजट चर्चा का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने आंकड़ों के माध्यम से कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। सीएम का आरोप था कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने अगर प्रदेश पर थोड़ा रहम किया होता तो हिमाचल कर्ज की बैसाखियों पर नहीं चलता। सीएम ने कहा कि प्रदेश को ऋण के दलदल में कांग्रेस ने फंसाया है। कांग्रेस सरकारों ने लिमिट से ज्यादा लोन लेकर प्रदेश को आर्थिकदिवालिए की दहलीज तक पहुंचा दिया।
सीएम ने कहा कि इस समय प्रदेश पर 62 हजार 200 करोड़ रुपये का कर्ज है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने अपने शासनकाल में कर्ज लेने में रहम दिखाया होता तो आज प्रदेश पर इतना कर्ज नहीं होता और राज्य की आर्थिक स्थिति बेहतर होती। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश पर कर्जों का बोझ अपेक्षाकृत कम होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने बजट का विरोध कर सिर्फ परंपरा निभाई है।
विपक्ष झूठे आंकड़े दे रहा: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जमीनी स्तर पर विकास हो रहा है और हर विधानसभा क्षेत्र में 200 से 300 करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों के उद्घाटन व शिलान्यास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर विभाग के बजट में बीते 4 सालों में वृद्धि की है और इस संबंध में विपक्ष झूठे आंकड़े दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने कोरोनाकाल में परिवहन क्षेत्र के सहारा देने के लिए करों में 153 करोड़ रुपये की छूट दी।
8.3 फीसदी की विकास दर सत्य पर आधारित
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार में वर्ष 2016-17 में 24200 करोड़ रुपये के योजना परिव्यय का प्रावधान था जबकि हमारी सरकार में योजना परिव्यय बढ़कर 40229 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने प्रदेश की विकास दर को लेकर विपक्ष की आशंकाओं को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 8.3 फीसदी की विकास दर सत्य और तथ्यों पर आधारित है।