हेमंत शर्मा। परवाणू:
कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सरकार के लापरवाह सिपाहियों से ही अब कोरोना का कहर बढ़ने का खतरा पनप रहा है। कुछ बेपरवाह डॉक्टरों के परवाणू-बद्दी-नालागढ़ से रोजाना चंडीगढ़-पंचकूला ट्राई सिटी अपने घरों की भागदौड़ करने सूचना सूत्र बता रहे हैं। जबकि इन डॉक्टरों के लिए इनके कार्यस्थल के निकट ही रहने के इंतजाम भी किये गए हैं।
सवाल यह भी उठ रहा है कि पुलिस बॉर्डर सील होने के बावजूद इन डॉक्टरों को कैसे आवाजाही के लिए ढील दे रही है, जबकि बॉर्डर से दवाओं-सब्जियों के ट्रकों को भी भारी मशक्कत के बाद एंट्री मिल रही है। डॉक्टरों व पुलिस स्टाफ की यह लापरवाही कही किसी कोरोना वायरस को हिमाचल में एंट्री भी दिला सकता है। क्योंकि चंडीगढ़ में भी कई कोरोना के मामले अब तक सामने आ चुके हैं। ऐसे में आम जनता जहाँ अपनी जरूरत के सामान को बाजार से लेने के लिए भी पुलिस की डांट-डपट सुन रही है, वहीं कुछ डॉक्टरों द्वारा कर्फ्यू में भी मौज की जा रही है। यह मामला कोई नया भी नहीं है।
इससे पहले भी डॉक्टरों द्वारा ड्यूटी एरिया के आठ किलोमीटर क्षेत्र में रहने की सरकारी नियमावली का लगातार उलंघन किया जाता रहा है। लेकिन इस बार यह लापरवाही कोरोना वायरस से कई लोगों की जान को जोखिम में डाल सकती है। सूचना यह भी है कि इन डॉक्टरों को आला अधिकारियों द्वारा रोके जाने पर इनके द्वारा स्थानीय पते पर रहने के दस्तावेज पेश किए गए हैं जोकि केवल अधिकारियों की कार्रवाई से बचने का उपाय किया गया है।
परवाणू ईएसआई अस्पताल के इंचार्ज डॉ विनोद कपिल ने कहा कि उन्हें इसकी सूचना मिली थी जिसके बाद डॉक्टरों को सख्त चेतावनी दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी स्टाफ के लिए परवाणू में ही ठहराव की व्यवस्था की गई है। कुछ डॉक्टरों द्वारा अपने स्थानीय पते दिए गए हैं, जहाँ वह किराए पर रह रहे हैं।
उपायुक्त सोलन केसी चमन ने कहा कि कर्फ्यू में किसी को भी बिना कारण बॉर्डर पार नहीं जाने दिया जा रहा है। अगर फिर भी कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं तो उन पर कार्रवाई की जायेगी। डीएसपी योगेश रोल्टा ने कहा कि जिन डॉक्टरों द्वारा अब तक बॉर्डर पार घर से आवागमन किया जा रहा था उन्हें रविवार से रोक दिया गया है। पहले पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं थी।