प्रवेश शर्मा : परागपुर
जिस व्यक्ति ने अपनी करोड़ों रुपये की भूमि सरकार को हाल ही के दिनों में दान दी और परिणाम स्वरूप बदले में सरकार द्वारा उसे गरीब बताया गया। ऐसे में दानकर्ता की मनोस्थिति क्या होगी किसी को बताने की आवश्यकता नहीं। हम बात कर रहे हैं जसवां परागपुर विस क्षेत्र की कुडऩा (सलेटी) पंचायत के लंबरदार सुभाष चंद की जिन्होंने अपनी बेशकीमती 50 कनाल भूमि आदर्श अटल विद्यालय बनवाने के लिए सरकार को दान दी है। सुभाष चंद ने अपना रोष सरकार व प्रशासन के प्रति निकालते हुए दु:खी मन से कहा कि उन्हें उद्योग मंत्री हिप्र सरकार की तरफ से 20 हजार रुपये की धन राशि यह कहकर स्वीकृत की गई कि वे आर्थिक तौर पर गरीब हैं।
पिछले कल उन्हें परागपुर विश्राम गृह में 20 हजार रुपये का चेक लेने के लिए प्रशासन की तरफ से बुलाया गया था, जिस पर वे चेक लेने के लिए नहीं गए, क्योंकि ऐसा कर सरकार व प्रशासन ने उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाई थी। सुभाष चंद का कहना था कि ईश्वर की कृपा से उनके पास 400 कनाल भूमि है और 104 के लगभग वे दान कर चुके हैं। वे पेशे से किसान हैं और पूरा वर्ष प्रदेश के मंत्रिमंडल को मुफ्त में भोजन करवा सकते हैं। इसलिए उन्हें गरीब बताकर सरकार ने उनके साथ भद्दा मजाक किया है।
नुकसान का मुवावजा मांगा था
सुभाष चंद ने बताया कि उन्होंने सड़क के निर्माण के लिए अपनी 6 कनाल भूमि भी दान में दी है। बदले में ठेकेदार ने उनकी भूमि को नुकसान पहुंचाया था और नुकसान के बदले में उन्होंने 25 हजार रुपये मुवावजा मांगा था और बदले में गरीब बताकर उन्हें 20 हजार रुपये स्वीकृत कर सरकार ने उनका अपमान किया है। वहीं सुभाष चंद में इस बात को लेकर भी नाराजगी दिखी कि जो भूमि उसने दान में दी है, उस पर विद्यालय बनाने का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है।
जो चेक प्रशासन की तरफ से लोगों को दिए जाते हैं, उन पर चेक स्वीकृत करने का उद्देश्य कभी भी गरीब नहीं लिखा होता है और जिस कार्यालय से गरीब शब्द लिखकर धन स्वीकृत पत्र सुभाष चंद को भेजा होगा उस पर वे कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकते। सुभाष चंद ने जो 50 कनाल भूमि दान की है उसे शिक्षा विभाग के नाम कर दिया गया है आगामी कार्रवाई अब शिक्षा विभाग ही करेगा।
-धनवीर सिंह ठाकुर, एसडीएम, देहरा।