निर्देश : शिक्षण संस्थानों को आदेश, अंडरएज बच्चों को ड्राइविंग से रोकें, सड़क हादसों में कमी लाने के लिए शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के बाद पुलिस विभाग के अलावा शिक्षा विभाग की ओर से भी अंडरएज ड्राइविंग पर नजर रखी जाएगी। इस बारे में शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों के उपनिदेशकों को अधिसूचना जारी कर दी गई है।
गौर रहे कि सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सुुप्रीम कोर्ट की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की दिशा-निर्देशों के अनुसार अब शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश में 18 साल से कम उम्र के छात्रों के कार व बाइक चलाने पर अंकुश लगाया जाएगा। आमतौर पर 18 साल से कम उम्र के बच्चों के कार व बाइक चलाने का प्रचलन प्रदेश में बढ़ता जा रहा है। कई बार अभिभावक भी 18 साल से कम उम्र के बच्चों को कार या बाइक दी जाती है, जबकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों का कार या बाइक चलाना कानूनन अपराध है।
इसके कारण सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसें में हादसों पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों व अन्य शैक्षिणक संस्थानों और अभिभावकों को अंडरऐेज ड्राइविंग पर अकुंश लगाने को कहा गया है। ऐसे में अब स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी 18 साल से कम उम्र के बच्चों के ड्राइविंग करने पर निगरानी रखेंगे। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि शिक्षण संस्थान और अभिभावक प्रदेश में अंडरऐज ड्राइविंग पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम करें, ताकि प्रदेश में सड़क हादसों को कम किया जा सके।
छात्रों व अभिभावकों को किया जाएगा जागरूक
प्रदेश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा। इस दौरान अभिभावकों व छात्रों के बताया जाएगा कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों का ड्राइविंग करना कानून अपराध है। अभिभावकों से आग्रह किया जाएगा कि वे 18 साल से कम उम्र के बच्चों को ड्राइविंग करने से रोकें।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के बाद शिक्षा विभाग की ओर से भी अंडरऐज ड्राइविंग पर नजर रखी जाएगी, ताकि प्रदेश में सड़क हादसों पर अकुंश लगाया जा सके। शिक्षण संस्थानों व अभिभावकों को पुलिस के साथ मिलकर अंडरऐज ड्राइविंग पर नजर रखने के निर्देश जारी किए
गए हैं।
-डॉ. प्रमोद चौहान, संयुक्त निदेशक, उच्च शिक्षा निदेशालय।