हिमाचल दस्तक। कुनिहार : लेह-लदाख की सीमा सियाचिन पर शहीद हुए डोगरा-6 के जवान मनीष ठाकुर का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट कर बुधवार को पैतृक गांव दोची में पहुंचा तो ‘शहीद मनीष अमर रहे’ के साथ-साथ ‘भारत माता की जय’के नारे गूंजते रहे। सेना के जवानों ने ताबूत में आए अपने फौजी भाई के पार्थिव शरीर को कंधा देकर घर पहुंचाया, जिसके बाद करीब आधा घंटा माहौल चीख-पुकारों से गमगीन रहा। गमगीन माहौल के बीच शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम यात्रा दी गई।
इस यात्रा में सैकड़ों ग्रामीणों सहित प्रशासन के अधिकारी व सेना अधिकारी भी मौजूद रहे। श्मशानघाट में शहीद के पार्थिव शरीर को सेना व राजकीय सम्मान दिया गया। शहीद के भाई राहुल ने अपने शहीद भाई को मुखाग्नि दी। वहीं परिजनों ने शहीद को बहती आंखों से अलविदा किया। इस दौरान डीएसपी पूर्णचंद ठुकराल, सीओ डोगरा रेजिमेंट-14 सोलन से कर्नल थॉमस सस्टेन, जिला सेना कल्याण उपनिदेशक दीपक धवन, कार्यकारी एसडीएम अर्की संतराम शर्मा, निजी सचिव एसडीएम अर्की परमिंदर ठाकुर, निहाल सिंह नायब तहसीलदार कुनिहार सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। सामाजिक न्याय एवं सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सहजल, मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष संजय कश्यप ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रशासन ने दी फौरी राहत
शहीद की अंतिम यात्रा में पहुचे जिला प्रशासन अधिकारी एसडीएम सोलन रोहित राठौर ने फौरी राहत के तौर पर शहीद के परिजनों को 25 हजार रुपए की राशि प्रदान की।
मेरा बेटा भी बनेगा फौजी
शहीद के घर गमगीन माहौल के बीच कुछ मातृशक्ति ने बहादुरी का परिचय देते हुए कहा कि भारत माता की सेवा में मेरा लाल भी सेना में शामिल होगा। भले ही उनकी आंखे नम थीं, लेकिन जुबान पर देश के लिए जज्बा बरकरार नजर आया।
शहीद के पहुंचने से पहले बना शमशानघाट
कुनिहार निवासी बाबूराम, रमेश ठाकुर, जगदीश चंद, नरेश कुमार व रोमित ठाकुर ने बताया कि मनीष ठाकुर के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद जहां एक ओर पूरा परिवार बेसुध था, वहीं कुनिहार पंचायत प्रधान अरुणा ठाकुर ने शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचने से पहले 12 घंटो के बीच दोची पुल के साथ नए शमशानघाट का निर्माण करवा दिया।