अरुण नेगी। किन्नौर
जनजातीय जिला किन्नौर का नाथपा गांव जिसके नाम पर एशिया का सबसे बड़ा भूमिगत नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना बनी है वह गांव अभी तक भी सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाया है जिससे स्थानीय ग्रामीणों को आपातकालीन समय आग की घटनाओं व बीमारी के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है यह बात रिकांग पिओ में मीडिया से रूबरू होते हुए नाथपा प्रधान आर पी युल्लाम द्वारा कही गई उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक में एनजेपीसी 1500 मेगावाट प्रोजेक्ट शुरू हुआ था प्रोजेक्ट द्वारा 3 करोड़ का बजट नाथपा सड़क मार्ग के लिए दिया गया था
वहीं वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में इस सड़क मार्ग को लिया गया था जो कि वर्ष 2018 तक इस सड़क मार्ग को तैयार करना था लेकिन वर्ष 2021 हो जाने के बावजूद भी अभी तक यह सड़क मार्ग तैयार नहीं हो पाया है। वहीं पिछले दो-तीन माह से इस सड़क मार्ग का कार्य रुका हुआ है और टालमटोल किया जा रहा है जबकि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा विभाग व ठेकेदार को पूरा सहयोग दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि हम विभाग से अनुरोध करते हैं कि सड़क मार्ग में हर कहीं रहे गए मलबे को हटाया जाए क्योंकि स्थानीय ग्रामीणों को अभी भी अपने सामान को लाने के लिए 3 या 4 किलोमीटर का सफर पैदल सफर करना पड़ रहा है। उन्होंने सम्बंधित विभाग से सड़क मार्ग के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की है।