देवेंद्र सूद। गगरेट
विजिलेंस की टीम ने एसबीआई बैंक की गगरेट शाखा में तैनात मैनेजर और रिकवरी एजेंसी के कर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा है। दरअसल बैंक द्वारा सील किए गए एक उद्योग के ताले खोलने की एवज में इन लोगों ने 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया और इन दोनों कर्मियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकड़ लिया। मैनेजर सहित रिकवरी एजेंसी के कर्मी को विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। इन दोनों आरोपियों को बुधवार को विजिलेंस की टीम द्वारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गगरेट में स्थित लघु औद्योगिक इकाई के मालिक राकेश कुमार ने एसबीआई की गगरेट शाखा से लोन लिया था। उसका लोन खाता लोन की क़िस्त समय पर जमा न करवाने के चलते एनपीए में चला गया था। बैंक ने सरफेसी एक्ट के तहत औद्योगिक इकाई को सील कर दिया था। इसी बीच बैंक द्वारा वन टाइम सेटलमेंट की पेशकश करने पर राकेश कुमार ने 26 फरवरी को एक मुश्त राशि जमा करवा दी।
राकेश कुमार का आरोप है कि इसके बावजूद बैंक मैनेजर ताले खोलने को लेकर आनाकानी करता रहा, जबकि उसने ताले खोलने की एवज में 20 हजार रुपये की मांग कर डाली। इस पर राकेश कुमार ने विजिलेंस विभाग से संपर्क किया और विजिलेंस विभाग ने इन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए ट्रैप लगा दिया।
मंगलवार को बैंक मैनेजर व बैंक की रिकवरी एजेंसी का एक कर्मचारी आया और राकेश कुमार ने उन्हें अपनी औद्योगिक इकाई की तरफ बुला लिया। यहां पर रिकवरी एजेंसी के कर्मचारी ने जैसे ही पैसे पकड़े विजिलेंस की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। शिकायतकर्ता राकेश कुमार ने बताया कि कर्ज चुकाने के बावजूद उद्योग को खोलने की एवज में 20 हजार की मांग की गई थी।
विजिलेंस विभाग के एएसपी सागर चंद का कहना है कि शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद ट्रैप लगाकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आगामी कार्रवाई जारी है।