राजीव भनोट, ऊना। कोटला कलां स्थित उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्रीराधा कृष्ण मंदिर आश्रम बाबा बाल जी महाराज में चल रहे वार्षिक महासम्मलेन के छठे दिन वीरवार को मंदिर परिसर में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। कथा व्यास आचार्य गौरव कृष्ण शास्त्री जी ने श्रीमद् भागवत की आरती से कथा का शुरू की।
कृष्ण भगवान की आरती श्री बांके बिहारी तेरी आरती में राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने विशेष रूप से हिस्सा लिया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर की पत्नी मीना कंवर विशेष रूप से उपस्थित रही, जिन्होंने बाबा बाल जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि बड़े सौभाग्य की बात है कि हमें बाबा बाल जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और श्रीमद् भागवत कथा सुनने को मिल रही है। कथा के दौरान राधे-राधे की धून, सांवरे नंद लाला, बृज बांके बिहारी के भजन पर श्रद्धालु खूब झूमे।
कथा व्यास आचार्य गौरव कृष्ण शास्त्री ने बाबा बाल जी का आशीर्वाद लिया और कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का प्रत्येक अध्याय हमें मानवता की शिक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन किस मार्ग पर से चले कि उसे लक्ष्य की प्राप्ति हो। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा मानव को मानवता ही नहीं बल्कि मानवता के साथ-साथ वैश्नवता व भगवत्ता की शिक्षा देकर इनका पात्र भी जीव को बनाती है।
उन्होंने कहा कि महात्मय के प्रारंभ में ही श्री सूत महाराज ने श्री शुक देव जी की वंदना करते हुए लिखा है कि श्री शुक देव जी ने जन्म लेते ही घर से वन की राह पकड़ ली ओर वन में जाकर भगवान की अराधना में लीन हो गए। ऐसी अराधना भगवान की जिससे उन्हें भागवत और भगवान दोनों प्राप्त हो गए। उन्होंने कहा कि 88 हजार शोनकादी ऋषियों ने सूत जी से प्रार्थना की वे ऐसी कथा सुनाएं की मानव के हदय के अंधकार को दूर करने में वे करोड़ो सूर्य के सामान हो, तो इस पर सूत जी ने कहा कि इतने करोड़ो सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता क्यों? शोनकादी ऋर्षियों ने कहा कि ऐ सूत जी महाराज मानव के हदय में इतना अंधकार है जो दुनिया में कही नहीं है।
इस अंधकार को दूर करने के लिए प्रकाश की आवश्यकता है, जिसका तेज करोड़ो सुर्य के सामान हो। इस पर सूत जी ने कहा कि ऐ सोन कादी ऋषि आपका प्रश्न संसार के कल्याण के लिए है। आपको ऐसी कथा सुनाऊगां, जिससे संसार से निवृति और परमात्मा में प्रवृति होगी। परमात्मा में प्रवृति ही मानव जीवन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि भागवत कहती है कि बांके बिहारी को मना लिया, तो सभी मान जाएंगे। इस अवसर पर निर्मलदास जी महाराज रायपुर बल्लां जालंधर उपस्थित रहे।
बाबा बाल आश्रम है तीर्थ स्थल
कथावाचक आचार्य गौरव कृष्ण गोस्वामी ने कहा कि बाबा बाल जी का आश्रम भी तीर्थ स्थल है। उन्होंने कहा कि ऊना में आकर मुझे प्रसन्नता ही नहीं अति प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर कथा व सत्संग महाराज के मुखराविंद से सुनने से मिले, वो किसी तीर्थ से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां धर्म व सेवा के ज्ञान की गंगा बहती है। उन्होंने कहा कि भगवान के नाम को सुनना श्रेष्ठ है, लेकिन आज सबके पास समय की कमी है। ऐसे में महाराज बाबा बाल जी आप सबको कथा का श्रवण करवा रहे हैं, तो यह महापुण्य के सामान है।
भागवत से होती है स्वर्ग की प्राप्ति: बाबा बाल
राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि कृष्ण ही माता है, कृष्ण ही पिता है, कृष्ण ही तन है और कृष्ण ही सब है। उन्होंने कहा कि हर समय हमें अपने मुख से कृष्ण का नाम जपना चाहिए। बाबा बाल ने कहा कि जो भी भागवत सुनता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि आश्रम में गौरव कृष्ण शास्त्री जी पहले भी कथा कर गए हैं।
इनके मुख में ऐसी मधुरवाणी है, जो भगवान के नाम के साथ सबको जोड़ती है। उन्होंने कहा कि इनसे कथा सुनना अच्छा लगता है और सभी भगवान श्री कृष्ण से जुड़े, ऐसी मेरी भावना है। उन्होंने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलकर ही बेहतर समाज की रचना की जा सकती है और आज समय की जरूरत है कि हम सब एक होकर समाज को आगे बढ़ाने का काम करें।