अरविंद शर्मा। शिमला:
प्रदेश सरकार ने लोगों को मुफ्त में स्वास्थ्य लाभ उठाने के लिए हिमकेयर योजना शुरू की है। यह योजना स्वास्थ्य विभाग ने गत वर्ष से प्रदेश में शुरू की थी, ताकि ऐसे लोग जो अपना इलाज करवाने में असमर्थ हैं और गैर सरकारी हैं। इस योजना के तहत कोई भी मरीज पांच लाख रुपये का इलाज हिमकेयर कार्ड के तहत करवा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने हिमकेयर कार्ड को बनाने की फीस को तीन श्रेणियों में बांटा है। इसमेें पहली फीस एक हजार आम जनता के लिए, दूसरा उन लोगों के लिए जो आईआरडीपी हैं, उनके कार्ड की फीस 365 रुपये रखी है। वहीं, विकलांग व अन्य अनुसूचित जाति के लिए फ्री में कार्ड बनाए गए हैं। लेकिन प्रदेश में ऐसे व्यक्तियों ने भी हिमकेयर योजना के कार्ड बनाए हैं, जो कि सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स हैं।
हालांकि आम लोगों में यह भी है कि इनको सरकार द्वारा स्वास्थ्य भत्ता भी दिया जाता है। वहीं, विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रदेश में ऐसे कई सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स इस योजना का लाभ उठा भी रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई ऐसा आंकड़ा है कि कितने सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के कार्ड बने हैं और कितनों ने इस योजना का लाभ लिया है।
मजबूरी है हिमकेयर कार्ड बनाना
प्रदेश के उन सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स से बात करने पर अपना न नाम उजागर ने करने की शर्त पर बताया कि स्वास्थ्य विभाग के हिमकेयर योजना का भी उनको लाभ ही है। विभिन्न विभागों के कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि विभाग से उन्हें मेडिकल भत्ता केवल ऑउटडोर स्वास्थ्य भत्ता ही मिलता है और अगर कोई गंभीर बीमारी के लिए संबधिंत विभाग में एडवांस में धनराशि के लिए आवेदन करना पड़ता है और वह राशि आने में भी कई महीने लग जाते हैं।
सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स का कहना है कि वहीं दूसरी ओर अगर यह राशि विभाग से समय में आ ही जाए तो किसी दूर के स्वास्थ्य संस्थान में इलाज के दौरान पैसे ले जाना भी मुश्किल है। इस कारण हिमकेयर योजना का कार्ड बनाना उनकी मजबूरी है। सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स ने बताया कि इसके बदले में सरकार से भी इलाज के जिए मेडिकल बिल लेने की जरूरत नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग की किमकेयर योजना का प्रदेश की आम जनता को बहुत लाभ हुआ है। प्रदेश में अगर कोई सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स हिमकेयर का कार्ड बनाता है, तो उसका लाभ तो ले सकता है, लेकिन उसको अपने विभाग से मेडिकल बिल की धनराशि नहीं मिलेगी।
-आरडी धीमान, अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव स्वास्थ्य