आशा शर्मा । घुमारवीं
स्कूल प्रबंधन एवं प्रशासन की अदूरदर्शिता व मूर्खता से शहीद संजीव कुमार वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हटवाड़ का खेल मैदान हेलीपैड के नाम पर बलि चढ़ गया । जिससे यहां पर भविष्य में जिला या राज्य स्तर की खेल प्रतियोगितायें आयोजित नहीं की जा सकती है। जन-जागरूकता कल्याण मंच के संस्थापक व अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र कुमार ठाकुर ने बताया कि यह खेल मैदान स्कूल के लिए स्थानीय लोगों ने अपनी मलकियत भूमि देकर स्कूल व क्षेत्र के युवाओं को खेलने के लिए उपलब्ध करवाया था। क्षेत्र में खेल के लिए यह एकमात्र मैदान था , जहां विद्यालय की जिला स्तरीय एवं क्षेत्रीय खेल प्रतियोगितायें आयोजित की जाती रही हैं । उन्होंने कहा कि प्रशासन एवं स्कूल प्रबंधन की अदूरदर्शिता ने हेलीपैड के नाम पर मूर्खता का परिचय देते हुए , मैदान के बीचों बीच कंक्रीट का गोलचक्र बना कर सारे खेल मैदान का बेड़ागर्क कर दिया है ।
उन्होंने कहा कि ध्यान देने की विशेष बात यह है कि यह मैदान पहले भी हेलीपैड के रूप में प्रयोग होता रहा है । यहां पर सेना व हि. प्र. के मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर पहले भी हर मौसम में उतरते रहे हैं । इसमें कंक्रीट बिछाने की आवश्यकता ही नहीं थी । यदि ज्यादा ही होता तो ” H ” मार्क बना दिया होता। क्योंकि इस मैदान में बरसात में भी कीचड़ या दल-दल नहीं होती जिससे हेलीकॉप्टर लैंड न हो सके । गौर करने व जांच योग्य दूसरी बात यह है कि हेलीपैड के नाम पर पच्चीस लाख रुपये खर्च होने की बात कही गई है जबकि जिस कंक्रीट को बिछा कर इस मैदान को नष्ट किया गया है उसे बिछाने का मुश्किल से एक लाख रुपये खर्च आया होगा। उन्होंने मांग भी उठाई है कि आम जनता के इस धन की भी जांच होनी चाहिए कि हेलीपैड के नाम पर इतना बड़ा घोटाला किसने किया है ।
इस खेल मैदान पर पिछले सतरह वर्ष से सुरेन्द्र मेमोरियल क्रिकेट प्रतियोगिता होती आ रही थी , जो अब इस ग्राउंड की दुर्दशा के कारण नहीं हो पा रही है । वर्तमान में स्कूल की प्रधानाचार्य को इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में इसकी अनुमति नहीं दी गई है । उन्होंने कहा कि इसके स्टेडियम का निर्माण कार्य चल रहा है । उसमें भी स्कूल प्रबंधन व लोकनिर्माण विभाग की अदूरदर्शिता व कार्यकुशलता मैदान को सिकोड़ने के रूप में हर किसी को नजर है । स्टेडियम के पिल्लरों को पीछे लगा कर मैदान का विस्तार किया जा सकता था परन्तु खेल मैदान में पिल्लर देकर संकुचित मानसिकता मैदान को भी संकुचित बना रही है ।
मंच के सदस्यों व आम जनता ने खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग से अनुरोध किया है कि वे स्वयं इस मामले की सरकार से कह कर जांच करवाएं व इस खेल मैदान की पुरानी स्थिति को वहाल किया जाए ताकि भविष्य में यहां खेल प्रतियोगितायें आयोजित की जा सकें । कंक्रीट को उखाड़ कर केवल ” H ” निशान से हेलीपैड का काम हो सकता है तो पच्चीस लाख रुपये आम जनता के क्यों और कहां डुबोये इसका पता भी आम जनता को चलना चाहिए । यदि ऐसा नहीं किया गया तो क्षेत्र की जनता इस के लिए आंदोलन चलाएगी । जिसके दुष्परिणामों के लिए प्रशासन व सरकार जिम्मेवार होगी ।