हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
राज्य पर्यटन विभाग ने कुछ नई लोकेशन पर क्वालिटी टूरिज्म पहुंचाने के लिए नई राहें-नई मंजिलें स्कीम के तहत बड़े फैसले लिये हैं। पर्यटन विभाग रोहडू के चांशल में नया स्की विलेज बनाने जा रहा है और तत्तापानी में वाटर स्पोट्र्स के साथ अब फ्लोटिंग रेस्टोरेंट भी जोड़ा जा रहा है। इस बारे में हाल ही में सचिव पर्यटन देवेश कुमार की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक हुई है।
चांंशल के स्की विलेज के लिए 1200 करोड़ का एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट यानी ईओआई जारी किया गया है। ये पीपीपी मोड में होगा और स्की विलेज के लिए निजी भूमि खरीद में सरकार निवेशकों की मदद करेगी। इस स्की डेस्टिनेशन में तीन रोपवे बनाये जाएंगे और चांशल टॉप पर पर्यटकों की सहूलियत के लिए सुविधाएं तैयार की जाएंगी। इस बारे में काम रोपवे कारपोरेशन को दिया गया है।
इसी प्रकार से तत्तापानी में वाटर स्पोट्र्स पर्यटन विभाग ने शुरू कर दी हैं और इनके औपचारिक शुभारंभ का इंतजार है। लेकिन यहां अब एक फ्लोटिंग रेस्तरां भी बनाया जाएगा, जिसके लिए दो कंपनियों ने संपर्क किया है। इन्हें एक प्रपोजल तैयार करने को कहा गया है, जिसकी प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के सामने होगी।
पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मंडी के शिव धाम को लेकर अगले हफ्ते टेंडर अवार्ड करने और रोहतांग रोपवे पर भी काम जल्द शुरू करने का फैसला हुआ। ये प्रोजेक्ट हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए मंजूर हुए हैं। बीड़ बिलिंग में डीएफओ के माध्यम से चल रहे काम की समीक्षा की गई और यहां पर्यटन निगम के माध्यम से बन रही पार्किंग को सितंबर तक पूरा करने को कहा गया।
सिरमौर के सेल जगास में नई पैरा ग्लाइंडिंग लोकेशन तैयार की जा रही है। यहां के लिए सड़क का काम लोक निर्माण विभाग को दिया गया है। चूड़धार से नौहराधार के ट्रैक के लिए इसी महीने काम शुरू होगा। ये ट्रैक 18 किलोमीटर का है। इसी तरह लारजी डैम पर भी जल क्रीड़ा की गतिविधियां इसी साल से शुरू होंगी।
पौंग में वाटर स्पोट्र्स को इनकार
कांगड़ा के पौंग बांध जलाशय में वाटर स्पोट्र्स गतिनिधियां शुरू नहीं हो पाएंगी। इस बारे में बीबीएमबी से बेशक बात हो गई है, लेकिन वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी के कारण ये अनुमति नहीं मिल रही है। इस वेटलैंड में एक लाख 30 हजार से ज्यादा प्रवासी एवं स्थानीय पक्षी होते हैं। इसे देखते हुए वाइल्ड लाइफ वाले ये मंजूरी नहीं दे रहे हैं। हालांकि यहां पर्यटन निगम के हट्स नए सिरे से बनाये जा रहे हैं और तिरपाल वाले हट्स को हटाकर ये प्री फेबरिकेटिड होंगे।
नई राहें नई मंजिलें स्कीम में पर्यटन विभाग नई प्रयोग कर रहा है। हर साल इस योजना के लिए 50 करोड़ राज्य सरकार दे रही है और इस तरह से अब तक 150 करोड़ का फंड पर्यटन स्थलों के लिए उपलब्ध है। हमने हर काम की डेडलाइन तय की है। -देवेश कुमार, सचिव पर्यटन, हिमाचल सरकार।