राजीव भनोट। ऊना
महादेव मंदिर कोटला कलां में स्वामी मंगलानंद जी महाराज के आर्शीवाद व संरक्षण में कपिला परिवार के सौजन्य से चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथाव्यास आर्चाय शिव कुमार शास्त्री ने श्रीमद् भागवत कथा का सार सुनाते हुए सभी को गाय की सेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जिस घर में गाय होती है और उसकी खूब सेवा होती है वहां कभी विपदा नही आती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार में गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। लेकिन कलियुग में सबसे बुरा हाल अगर है तो वो गौ माता का ही है। इसलिए इस घोर कलियुग में हमें गौ सेवा की तरफ सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को भी गाय सबसे ज्यादा प्रिय है। आचार्य कथाब्यास शिव कुमार ने कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध का वृतांत सुनाया। उन्होंने कहा कि पूतना राक्षसी जो कि भगवान का वध करने आई थी उसे भी भगवान ने मातृभाव में मुक्ति दी।
अगर हम भगवान का नाम स्मरण करेंगे तो क्या भगवान हमें मुक्ति नही देंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रभु का नाम जपना चाहिए और अपने पुत्र-पुत्रियों के नाम भी भगवान के नामों पर रखने चाहिए ताकि जितनी बार भी अपने बच्चों का नाम लेकर पुकारों तो भगवान का नाम स्मरण हो जाए। उन्होंने कहा कि हम जिस रूप में देखेंगे भगवान हमें उसी रूप में दिखाई देंगे। आप भगवान के साथ बेटे, भाई, बहन, दोस्त, बेटी आदि कोई भी रिश्ता बना सकते हो भगवान आपको उसी रूप में मिलेंगे।
कथा के दौरान कथाब्यास ने श्रद्धालुओं को दान के महत्व के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि गुप्त दान सबसे उत्तम दान माना गया है। लेकिन आज के समय में लोग दान कम और दिखावा ज्यादा करते हैं। उन्होंने कहा कि पुराणों में इस बात को पहले ही बता दिया गया था कि कलियुग में लोग खूब दान करेंगे। एक-दूसरे से ज्यादा बढ़चढ़कर चढ़त चढ़ाएंगे। लेकिन इससे भी ज्यादा लोग दिखावा करेंगे। इसलिए जहां तक हो सके इस दिखावे से बचें।