चंद्रमोहन चौहान, ऊना। घायल पशुओं के इलाज के लिए विशेष सेंटर न होना का खमियाजा पशुओं को अपनी जान गंवाकर देना पड़ रहा है। पिछले अगर दो माह की बात कि जाए तो 15 मामले ऐसे हैं, जिनमें सही समय पर उपचार न मिलने पर पशुओं ने अपनी जान गंवा दी।
ताजा मामला ऊना-हमीरपुर रोड़ पर गांव बरनोह का है, जहां पर बैल गाय को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में लहुलूहान बैल घंटो तक सड़क किनारे पड़ा रहा। स्थानीय लोगों इसकी सूचना वन विभाग को दी। जिसके बाद वन विभाग के बीओ संजीव अपने साथी तक मौके पर पहुंचे, लेकिन घायल बैल की गंभीर हालत के चलते पशु चिकित्सकों को मौके पर बुलाया। पशु चिकित्सकों ने मौके पर पहुंच इलाज शुरू किया, लेकिन कुछ देर बाद घायल बैल की मौत हो गई।
ऐसे अनेक मामले सामने आते है, जो कि गाडिय़ों की चपेट में आने से घायल हो जाते है। सही समय पर उपचार न मिलने के कारण मौत हो जाती है। ऐसे में जिला प्रशासन व सरकार से मांग उठ रही है कि बेसहारा पशुओं को जहां गऊशालाओं में भेजा जाए, वहीं कोई एक ऐसा इलाज सेंटर बनाया जाए, जहां घायल पशु को ले जाया जा सके। इसके लिए बकायदा गाड़ी का प्रबंधन भी हो सके।