मुंबई: शिवसेना ने सोमवार को उम्मीद जताई कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर देवेंद्र फडणवीस उन गलतियों को नहीं दोहराएंगे जो उन्होंने राज्य का मुख्यमंत्री रहते हुए की थीं।
फडणवीस के आनन-फानन में 23 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर एक बार फिर हमला बोलते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा कि भाजपा ने वह चेहरा खो दिया है जिसे लोग पसंद करते थे। उन्हें 80 घंटों बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था।
इसमें दावा किया गया कि लोगों ने भाजपा से दूरी बना ली है। शिवसेना ने कहा, भाजपा के पास जो मौजूदा समर्थन है (अपने खुद के विधायकों एवं निर्दलीय विधायकों का) वह संभवत: पार्टी के साथ नहीं रहेगा।
पार्टी के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह उसके पूर्व के कर्मों का नतीजा है। प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता फडणवीस को रविवार को विधानसभा में विपक्ष का नेता घोषित किया गया। शिवसेना ने कहा, फडणवीस को याद रखना चाहिए कि इतिहास में उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिसने हर किसी को अंधेरे में रख कर और बहुमत के बिना अवैध तरीके से शपथ ली थी।
पार्टी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि वह उस पद (मुख्यमंत्री) पर महज 80 घंटों के लिए रहे। अगर वह अपनी इस छवि से बाहर निकलना चाहते हैं तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष के तौर पर नियमानुसार काम करना होगा और भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दल के पूर्व नेता एकनाथ खड़से से ट्यूशन लेनी चाहिए। संपादकीय में कहा गया, फडणवीस को विपक्ष के नेता की गरिमा बरकरार रखना चाहिए और उन गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए जो उन्होंने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री रहते हुए की थीं।