मुनीश सूद। जयसिंहपुर
अगर इंसान में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो मंजिल मिलना मुश्किल नहीं होता। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जयसिंहपुर उपमंडल के गंदड़ क्षेत्र के अंदराणा निवासी सुनील कुमार ने। सुनील ने कम खर्च में चलने वाली ईको फ्रेंडली बाइक बनाने में सफलता प्राप्त की है। ये बाइक महज 5 रुपये के खर्च में 60 किलोमीटर तक चलती है। सुनील ने इलेक्ट्रॉनिक्स में आईटीआई करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम रिपेयर के साथ ही केबल ऑपरेटर का काम शुरू किया।
काम के सिलसिले में उन्हें अधिकतर समय मोटरसाइकिल पर सफर करना पड़ता था, लेकिन हर समय इधर-उधर की भागदौड़ में उन्हें पेट्रोल का खर्च भारी दिखता था। इसी से निपटने के लिए उन्होंने करीब 3 साल पहले अपनी बाइक को मॉडिफाई करना शुरू किया, जिससे कि बाइक के खर्च को कम किया जा सके। पहले 2 प्रयासों में असफल रहने पर अंतत: अपने तीसरे प्रयास में सुनील को कामयाबी मिल ही गई व उन्होंने अपनी बाइक को लो मेंटेनेंस पॉल्यूशन फ्री मोटरसाइकिल में बदल लिया। सुनील बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने गूगल व यू-ट्यूब पर बहुत खोज की और अंतत: कामयाबी की दहलीज को हासिल कर लिया।
सुनील बताते हैं कि उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल के इंजन को हटाकर 72 वोल्ट व 30 एचए की लीथिमाइड बैटरी को यहां स्थापित कर दिया। इसके अतिरिक्त एक चार्जर, एक कंट्रोलर व 2 हजार वाट की एक हब मोटर में स्थापित करके एक सर्किट तैयार कर लिया। सुनील के अनुसार बाइक की बैटरी को एक बार चार्ज करके 60 किलोमीटर तक आराम से चलाया जा सकता है। बैटरी को एक बार चार्ज करने में डेढ़ यूनिट बिजली लगभग 5 रुपये का खर्च आता है जो कि लगभग 10 पैसे प्रति किलोमीटर की एवरेज निकलती है। हालांकि इस सारे यूनिट को बनाने में करीब 60 हजार रुपये तक का खर्च आ जाता है, लेकिन यह खर्च 6 माह में पूरा हो जाता है।
मोटरसाइकिल में थ्री-स्पीड मोड यानी 3 गियरों पर अधिकतम 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जा सकता है। मोटरसाइकिल के दोनों टायरों में डिस्क ब्रेक काम करती है व ब्रेक लगाने पर या फिर उतराई आने पर बैटरी ऑटेमेटिकली चार्ज होती रहती है। मोटरसाइकिल की एक बड़ी खासियत यह है कि इंजन हटा दिए जाने से न तो ध्वनि प्रदूषण फैलता है और न ही वायु प्रदूषण पैदा होता है। इंजन न होने के चलते सर्विस की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।
जहां तक बैटरी की मैंटेनेंस की बात है तो सुनील कहते हैं कि अगर सही तरीके से रखरखाव किया जाए तो 5 साल तक बैटरी आराम से चलती रहेगी। सुनील का कहना है कि भविष्य में वह हल्का व टिकाऊ बाइक बॉडी सैल बनाने के प्रयास में हैं जिससे कि एवरेज को और अधिक बढ़ाया जा सके। सुनील कहते हैं कि वह कार पर भी इस प्रकार का प्रयोग करने की कोशिश में हैं, ताकि बाइक की तर्ज पर ही कार को भी ईको फ्रेंडली व लो मेंटेनेंस कार बना सकें। सुनील बैटरी को पूरी तरह ऑटो चार्ज की कंडीशन में लाने के लिए प्रयासरत हैं, ताकि इसे और भी सस्ता बनाया जा सके।