लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में लखनऊ में मारे गए हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के परिजन से रविवार को मुलाकात की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर तिवारी की मां कुसुमा, पत्नी किरण तिवारी और उनके बेटे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पीडि़त परिवार को पूरी मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार इस गम्भीर मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषी लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक पीड़ित परिवार ने तिवारी के बेटे को सरकारी नौकरी देने, परिवार को सुरक्षा देने, सुरक्षा के लिहाज से परिजन को असलहों के लाइसेंस देने, उनके मुहल्ले का नाम तिवारी के नाम पर करने, लखनऊ में तिवारी की मूर्ति स्थापित करने और पूरे मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने उन्हें समुचित कार्वाई का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद तिवारी की पत्नी किरण ने बताया, योगी ने हर सम्भव कार्वाई का आश्वासन दिया है।
हम उनसे हुई मुलाकात से संतुष्ट हैं। हमारी मांग थी कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए। तिवारी की मां कुसुमा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके बेटे को न्याय चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। योगी ने उन्हें इसका भरोसा दिलाया है। भरोसा देकर मुख्यमंत्री ने बहुत कुछ दे दिया। इस बीच, हत्याकांड की तफ्तीश में पता चला है कि संदिग्ध हत्यारोपी नाका हिंडोला क्षेत्र के ही एक होटल में ठहरे थे।
पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि होटल के कर्मियों के मुताबिक दोनों ने अपना नाम शेख अशफाकुल हुसैन और मुईनुद्दीन पठान बताया था। हत्याकांड वाले दिन दोनों भगवा कुर्ते पहनकर होटल से निकले थे और उनके हाथ में एक मिठाई का डिब्बा था। उन्होंने बताया कि वे लोग 17 अक्टूबर को होटल आए थे और 18 तारीख की दोपहर में वे चले गए थे। उनके कमरे के बेड पर भगवा रंग का कुर्ता पड़ा था, उस पर खून के निशान हैं। मौके पर मिले तौलिए में भी खून लगा है। एक नए मोबाइल का डिब्बा भी मौके से मिला है। विवेचना के क्रम में यह एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस जल्द ही हत्यारों तक पहुंच जाएगी।
गौरतलब है कि हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को नाका हिंडोला स्थित खुर्शेदबाग इलाके में उनके घर के अंदर गला रेतकर और गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के सिलसिले में बिजनौर निवासी आरोपियों मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक के साथ-साथ गुजरात स्थित सूरत के रहने वाले फैजान यूनुस, मोहसिन शेख और राशिद अहमद को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।