हिमाचल दस्तक। किन्नौर
जनजातीय क्षेत्र जिला किन्नौर की समस्याओं को लेकर किन्नौर कांग्रेस ने समय समय पर प्रदेश की जयराम सरकार के समक्ष अनेक मुद्दे उठाए हैं परंतु हमें यह अफसोस है कि प्रदेश की जयराम सरकार ने हमेशा ही जनजातीय क्षेत्र जिला किन्नौर के साथ भेदभाव की नीति अपनाई है।
यह बात वीरवार को किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में मीडिया से रूबरू होते हुए कही। जगत सिंह नेगी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के ट्राइबल सब प्लान का जो बजट है, प्रदेश सरकार द्वारा उसको भी डाइवर्ट किया जा रहा है, जबकि यह पैसा डाइवर्ट नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अभी जो 2021-22 का बजट पास हुआ है, उसमें भी आईजीएमसी शिमला व टांडा मेडिकल कॉलेज के लिए भी बजट ट्राइबल सब प्लान से रखा गया है। इसी तरह बिजली बोर्ड के लिए भी रखा गया है। अगर इसी तरह ट्राइबल सब प्लान का बजट डाइवर्ट किया जा रहा है तो जनजातीय क्षेत्रों का विकास कैसे होगा।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि कोविड के समय में वेंटीलेटरों को चलाने के लिए इनके पास विशेषज्ञ तक नहीं है। उन्होंने कहा कि किन्नौर के भाजपा नेताओं से सवाल पूछते हुए कहा है कि इस कोरोनाकाल में यहां लोगों को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी तो क्या किन्नौर के लोगों को बिना ऑक्सीजन के लिए तड़पता हुआ छोड़ देंगे।
जगत सिंह नेगी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा धारा 144 लगाई गई है ताकि हम जिला की समस्याओं व मांगों को लेकर किसी तरह का भी धरना प्रदर्शन नहीं कर सके परंतु यदि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्र के साथ ऐसे ही उपेक्षा करती रही तो हम धारा 144 तोड़ कर भी धरना प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगे।