श्रीनगर: जम्मू कशमीर के पुलवामा आतंकी हमले को आज एक साल पूरा हो गया। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। पुलवामा हमले के एक साल बाद कश्मीर के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। इसमें शामिल होने वाले उमेश गोपीनाथ जाधव को सम्मानित किया गया है। उमेश जाधव ने शहीदों के घर-घर जाकर मिट्टी इकट्ठा की थी, उनका यह सफर प्रेरणादायी है। सीआरपीएफ के 40 जवान की याद में समारक भी बनाया गया है ताकि देश उन वीर सैनिकों को हमेशा याद कर सकें।
हर शहीद के घर जाकर मिट्टी इकट्ठा कर दी श्रद्धांजलि
पुलवामा हमले के एक साल बाद जेहन में उस काले दिन की यादें सिहरन पैदा कर रही हैं। हर कोई शहीद हुए जवान को अपने-अपने तरीके से याद कर रहा है। इस मौके पर कश्मीर के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप में शहीदों के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जा रही है। इस सभा में उमेश गोपीनाथ यादव विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। बेंगलुरु निवासी उमेश गोपीनाथ जाधव पेशे से म्यूजिशियन और फार्माकॉलजिस्ट हैं। पिछले एक साल से शहीदों को अनोखे तरीके से श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। इस दौरान वह शहीदों के घर गए और उनके गांव से मिट्टी इकट्ठा की।
पुलवामा हमले के बाद सैना ने अपनी रणनीति में किया बदलाव
पिछले एक साल में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को पकड़ने की रणनीति में बदलाव किया है। अब आतंकियों के खिलाफ जॉइंट आॅपरेशन ही चलाए जा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा आतंकी ठिकानों की पहचान कर आतंकियों को या तो पकड़ा जा रहा है या एनकाउंटर में मार दिया जा रहा है। सीआरपीएफ के एक अधिकारी बताते हैं कि सुरक्षाबलों की कार्रवाई से हताश आतंकी पुलवामा जैसे हमले करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की रणनीति की वजह से आतंकियों के लिए अब यह उतना आसान नहीं है।
14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा के पास लेथपोरा इलाके में सीआरपीएफ की बस पर फिदायीन हमला हुआ था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। पुलवामा हमला कश्मीर में 30 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला था।