जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का सबको सम्मान करना चाहिए और शांति सद्भाव बनाए रखना चाहिए।
गहलोत ने अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस की जो प्रतिक्रिया है वो इस रूप में दी गई है कि यह जो फैसला आया है इसका सबको सम्मान करना चाहिए और शांति सद्भाव बनाए रखना चाहिए। न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करना चाहिए। देशवासी भी यही उम्मीद करता है और मैं समझता हूं कि कांग्रेस ने उसी के अनुकूल प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश के अंदर भी और देश में भी शांति और सद्भाव बना रहेगा।
गहलोत ने कहा, कुछ असामाजिक तत्व अगर गड़बड़ करने का प्रयास करेंगे तो राजस्थान में हमने निर्देश दे रखे हैं कि इसे कड़ाई से निपटा जाए। चाहे वो कोई भी जाति का हो, बिरादरी का हो। मैं समझता हूं कि शांति के नाम पर, सद्भाव के नाम यह फैसला लागू होगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का सबको सम्मान करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा मूल मुद्दों पर आएगी, उन्होंने कहा, भाजपा के तो चुनावी मुद्दे होते हैं। चुनाव जीतने के लिए होते हैं। जनता से सरोकार नहीं होता है।
उन्होंने कहा, देश के हालात बद से बदतर हो रहे हैं। दुनिया जानती है, देश जानता है। महंगाई बढ़ती जा रही है। नौकरी जा रही है, निवेश नहीं आ रहा है। निर्यात हो नहीं रहा है। तो कोई तालुल्क नहीं है भाजपा के नेताओं को। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पति कह रहे हैं कि इनको अर्थव्यवस्था की समझ ही नहीं है। इस सवाल पर कि भाजपा अयोध्या मंदिर पर श्रेय लेने की कोशिश करेगी, गहलोत ने कहा, कोई क्रेडिट (श्रेय) नहीं ले सकता।
भाजपा ने पिछले 25-30 साल में जो किया, सबके सामने है। उसका नुकसान सबको भुगतना पड़ता है। उस समय भी मान लो ये न्यायपालिका पर निर्भर रहते आज यह नौबत नहीं आती। उन्होंने कहा, अगर भाजपा, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद थोड़ी समझदारी से काम लेती कि हम न्यायपालिका पर विश्वास करते हैं। उस समय पर यदि न्यायालय पर छोड़ देते तो साल, दो साल, तीन साल पांच साल तो निपट जाता मामला।