- निजी अस्पताल में पैसा देकर लगवा रहे बूस्टर डोज
- बूस्टर डोज लगवाने में पैसे आ रहे आड़े
सुनील समियाल : धर्मशाला
जिला कांगड़ा के सरकारी कार्यालयों में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों व फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जाएगी है। विश्व के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान को सरकार ने जन-जन तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पहली और दूसरी डोज के बाद अब बूस्टर डोज लगाई जा रही है। 10 जनवरी को सरकार ने बूस्टर डोज लगाने का क्रम शुरू किया था। इसकी 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। वहीं कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बूस्टर डोज लगवाने में पैसे आ रहे आड़े हैं। पैसे देकर अधिकतर लोग बूस्टर डोज लगवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिन लोगों को दूसरी डोज लगवाए नौ माह बीत गए हैं, उन्हें बूस्टर डोज जरूर लगवानी चाहिए।
सीएमओ डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि सोमवार को बूस्टर डोज के लिए विशेष कैंप का आयोजन मिनी सचिवालय धर्मशाला के मीटिंग हाल में किया गया जिसमें 120 लोगों को बूस्टर डोज लगाई गई, जिनमें मीडिया कर्मी भी शामिल थे। सीएमओ ने कहा कि मीडिया कर्मियों की वैक्सीनेशन के लिए सरकार ने पहल की थी, पहली व दूसरी डोज के बाद सोमवार को मीडिया कर्मियों को बूस्टर डोज लगाई गई। उन्होंने बताया कि अभी तक जिलाभर में करीब 75 हजार लोगों ने बूस्टर डोज लगाई है, जबकि बहुत से लोगों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। इसके लिया अब स्वास्थ्य विभाग सरकारी कार्यालयों में जाकर फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक आयु के लोगों को कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जाएगी।
तीन निजी अस्पतालों में लगाई जा रही वैक्सीन
स्वास्थ्य विभाग ने बूस्टर डोज लगाने के लिए तीन अस्पतालों को पंजीकृत किया है। इनमें से तीन अस्पतालों सिटी केयर हॉस्पिटल, बालाजी हॉस्पिटल और फोर्टिस अस्पतालों में बूस्टर डोज लग रही है। दो अस्पतालों में अभी वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। शहर में इसके लिए तीन निजी अस्पतालों को जिम्मेदारी दी गई है।
बीएमओ को निर्देश दे दिए हैं। लोगों को कोरोना वैक्सीन लगने का ही नतीजा रहा कि कोरोना की तीसरी लहर में मृत्युदर काफी कम रही। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बूस्टर डोज लगाने का अभियान छेड़ा गया था, लेकिन अभी लोग इसे लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
-डॉ. गुरदर्शन गुप्ता
मुख्य चिकित्सा अधिकारी।