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संजय पराशर बोले यदि मैं समर्थ हूं तो अन्यों की मदद मेरा कर्तव्य
हिमाचल दस्तक। ऊना
वैश्विक महामारी कोविड-19 की इस संकट भरी घड़ी में समाज के कई वर्ग सरकार और प्रशासन की मदद को हाथ बढ़ा रहे हैं। इसी कड़ी में वीआर मैरिटाइम शिपिंग कंपनी के प्रबंध निदेशक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता कैप्टन संजय पराशर ने प्रदेश के कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद के लिए 2 ट्रक भरकर स्वास्थ्य उपकरण और अन्य सामान मुहैया करवाया है।
गौरतलब है कि कैप्टन संजय पराशर ने पिछले वर्ष भी प्रधानमंत्री राहत कोष में 50 लाख रुपये, जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 5 लाख रुपये की राशि दी थी, जबकि इसके अलावा भी कैप्टन संजय पराशर ने प्रदेश सरकार समेत स्थानीय जिला प्रशासन और संक्रमित लोगों की मदद के लिए काफी सामान उपलब्ध करवाया है।
कैप्टन संजय पराशर और उनकी धर्मपत्नी सोनिका पराशर ने इस मौके पर कहा कि यदि वह वर्तमान समय में सामर्थ्यवान है और संपन्न है तो यह उनका दायित्व है कि वह संकट की इस घड़ी में समाज के उन लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएं जो वर्तमान परिस्थितियों में समस्याओं से जूझ रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की इस संकट भरी घड़ी में प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की मदद को लगातार हाथ उठने लगे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को वीआर मैरिटाइम शिपिंग कंपनी के प्रबंध निदेशक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता कैप्टन संजय पराशर ने धर्मपत्नी सोनिका पराशर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ प्रदेश के कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे मरीजों की मदद को विभिन्न स्वास्थ्य उपकरण और अन्य सामग्री प्रदान की।
इस दौरान सीएम जयराम ठाकुर वर्चुअली कार्यक्रम में उपस्थित रहे जबकि जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर और वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने स्वास्थ्य उपकरणों से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। संजय पराशर द्वारा इससे पहले केंद्र और प्रदेश में आर्थिक मदद के साथ-साथ स्वास्थ्य उपकरण भेजकर मदद की गई है।
संजय द्वारा प्रदेश को आज 25 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 1500 ऑक्सीमीटर, पीपी किट्स, मास्क, ग्लव्स सहित भारी मात्रा में दवाइयां दी गई हैं। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस संकट की घड़ी में जिस तरह से समाजसेवी संस्थाएं आगे आई हैं, जिससे जरूर प्रदेश सरकार को कोरोना के खिलाफ जंग में मदद मिलेगी।
समाजसेवी कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है। सेवा एक ऐसा साक्षात प्रमाणिक मार्ग है जो नर सेवा नारायण सेवा से किसी को भी जोड़ सकता है और उन्होंने बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सनातन धर्म में भी यही चीजें सीखी हैं। कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि मेरी आखिरी सांस मेरे देश के प्रति समर्पित है, मेरा कमाया हुआ धन अर्जित की गई संपत्ति मेरे देश के लिए समर्पित है।
संजय पराशर की धर्मपत्नी सोनिका पराशर ने बताया कि पिछले वर्ष वो उनके पति भी संक्रमण झेल चुके हैं, संक्रमण काल के दौरान हमने काफी विकट परिस्थितियां देखी हैं। उसी समय हम लोगों ने प्रण कर लिया था कि यदि मां चिंतपूर्णी के आशीर्वाद से हम पास हो जाते हैं तो हम समाज के लिए कुछ न कुछ अच्छा करके जाएंगे।
उन्होंने कहा कि दांपत्य जीवन के 18 वर्ष से मैंने संजय को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा और सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुरूप जीवन-यापन करते देखा है। मैं गर्वित महसूस करती हूं कि मैं मां भारती के ऐसे सपूत की धर्मपत्नी हूं।