अशोक ठाकुर। पठानकोट
पठानकोट के नंगलभूर दाना मंडी में लेबर और आढ़तियों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। मार्कफेड ने 10 मई के बाद मंडी से लिफ्टिंग नहीं करवाई। जिससे मंडी में गेहूं की बोरियों के अंबार लगे हैं, लेकिन लिफ्टिंग नहीं होने के कारण आढ़ती और लेबर दोनों परेशान हैं। मंडी में 45 हजार बोरी पड़ी है। लेकिन किसी अधिकारी या नेता ने लेबर और आढ़तियों की सुध नहीं ली। जिसके चलते लेबर ने पंजाब सरकार और संबंधित विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया। आढ़ती यूनियन प्रधान ने बताया कि 10 मई के बाद से लिफ्टिंग बंद है। तब से ही लेबर को पैसे नहीं दे सके।
उन्होंने कहा कि 45 हजार बोरी मंडी में पड़ी है, एक तो मंडी कच्ची है ऊपर से रोज बारिश हो रही है, जिससे अनाज सड़ने की नौबत आ चुकी है। इस बारे विधायक अमित विज, डीसी पठानकोट, मार्कफेड के मैनेजर और मार्केट कमेटी डीएम को कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन, किसी ने सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि मार्कफेड ने लिफ्टिंग बंद की तो उन्होंने निजी ट्रांस्पोर्ट से कुछ अनाज एफसीआई और मार्कफेड में पहुंचाया था। लेकिन, वहां ट्रकों की लंबी कतारों से एक फेरे में 5-6 दिन लग रहे हैं। बारदाना नहीं मिल रहा। ऐसे में कोई ट्रांस्पोर्टर वहां माल लेकर जाने को तैयार नहीं। उन्होंने विधायक अमित विज से अपील करते कहा कि जल्द से जल्द यहां लिफ्टिंग शुरू करवाई जाए ताकि लेबर और आढ़ती राहत महसूस कर सकें।
भूखों मरने की आई नौबत-लेबर
लेबर का काम करने आए लक्षमण और लाल चंद शर्मा ने कहा कि 2 महीने से मंडी में बैठे हैं। सिर्फ पहले 22 दिन काम किया। इस दौरान जो कमाया वो बाकी बचे डेढ़ महीने में खर्च कर दिया। अब खाने को रोटी नहीं है। एक समय की रोटी भी बामुश्किल मिल रही है। उन्होंने कहा कि या तो सरकार लिफ्टिंग शुरू करवाए या फिर उन्हें रोटी का खर्चा दिया जाए। 2 महीने से 20 के करीब मजदूर यहां पड़े हैं। ठेकेदार कुछ नहीं दे रहा। धान की बिजाई के लिए एडवांस लिया था। जमींदार भी तंग कर रहे हैं।