सुनील समियाल : धर्मशाला
धर्मशाला में आयोजित सरस मेले में हिमाचली टोपी का जादू छा गया है। धर्मशाला में हिमाचली किन्नौरी टोपी को खरीद रहे हैं। दीपमाला व अमृतपोती ने बताया कि सोमवार को शाम होते-होते बहुत से लोगों ने इसे पसंद किया और खरीदा। दीपमाला ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आन बान शान किन्नौरी टोपी जो कि हिमाचलियों का ताज है।
आज पूरे हिमाचल में ही नहीं बल्कि देश-विदेश तक अपनी पहचान बनाई है। हिमाचल प्रदेश की टोपी कई रंगों और डिजाइन में आती है मुख्यत किन्नौरी टोपी, बुशैहरी टोपी, कुल्लवी टोपी,और लाहुली टोपी है, परंतु समय के साथ अन्य टोपियों ने भी अपना प्रभाव बनाया, जिसमें महादेव, या शिव लिखी टोपी व सफेद रंग वाली टोपी माना जाता ह। उन्होंने बताया कि टोपी की शुरुआत किन्नौर से हुई लोग ठंड से बचने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था, परंतु अत्यधिक प्रचलन मे टोपी बुशैहर सियासत से आई बुशैहरी टोपी को अधिक पहना व पसंद किया जाता है।
साथ ही किन्नौर की दीपमाला ने यह बताया कि सरस मेले में लगया गया स्टॉल में पहला दिन बहुत रहा। इन टोपियों पर पहले मोनाल की कलगी व अरलू का बीज जो कि पेपर फ्लावर की तरह होता है वो सजावट के लिए टोपी पर लगाए जाते थे परंतु वर्तमान समय में मोनाल की कलगी पूर्ण रूप प्रतिबंधित है।
सोशल मीडिया की शान बनी हिमाचली टोपी
हिमाचल टोपी इन दिनों सोशल मीडिया की शान बनी हुई है। हर कोई फेसबुक पर हिमाचली टोपी पहने अपनी नई-पुरानी फोटो अपलोड कर रहा है। पिछले तीन दिनों से हैश टैग के माध्यम से सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर हिमाचली टोपी का जादू छाया हुआ है।