सतीश शर्मा। शिमला:
मंडी जिला के बल्ह से देवता के नाम पर जातीय भेदभाव के मामले पर सोमवार को बजट सत्र के पांचवें दिन फिर हंगामा हो गया। कांग्रेस विधायकों ने अखबारों की रिपोट्र्स के आधार पर प्रश्नकाल के बाद ये मामला उठाया और नौबत यहां तक पहुंच गई कि वॉकआउट के बाद भी दोनों ओर से नारेबाजी तक हो गई।
रामपुर से विधायक नंदलाल ने ये मसला रखते हुए कहा कि भाजपा राज में दलित प्रताडऩा के मामले बढ़े। दूसरी ओर किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने इसमें भाजपा के लोग होने का आरोप मढ़ दिया। इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पलटवार किया कि इससे पहले मंडी शिवरात्रि के भोज से जबरन उठाए गए दलितों के मामले में कांग्रेस का एक पदाधिकारी गिरफ्तार हुआ है जो मेरे ही चुनाव क्षेत्र का है। इसलिए विपक्ष इसे किसी पार्टी से जोडऩे के बजाय ये रास्ता देखे कि समाज को कैसे इस बीमारी से दूर करना है। उन्होंने कहा कि हम ऐसी घटनाओं की निंदा करते हैं और इस केस में भी कानूनन कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसका जवाब दे रहे थे कि अचानक विपक्ष के विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे।
आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष धक्के से सदन को चलाना चाह रहा है और विपक्ष के प्रश्नों का सही उत्तर नहीं दिया जा रहा। इसको लेकर विपक्ष के सभी सदस्य नारे लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर गए। वॉकआउट के बाद पहले संसदीय कार्यमंत्री ने विपक्ष के इस व्यवहार की निंदा की और फिर मुख्यमंत्री ने। जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को समझाने वाला कोई नहीं बचा है। बस एक खबर बनाने की होड़ लगी हुई है। जबकि अभी सरकार के तीन साल बाकी हैं। बीच में कुछ नहीं होने वाला। यहां तक कि विपक्ष के लोगों को मर्यादित भाषा तक का ज्ञान नहीं है।
सीएम अभी बोल ही रहे थे कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री कुछ विधायकों के साथ सदन में लौट आए और अपनी सीटों पर खड़े हो गए। अग्निहोत्री और सीएम के बीच काफी तनातनी का माहौल बन गया। मुकेश ने कहा कि सच तो आप ही बोलते हैं। उन्होंने सीएम से पूछा कि वह बताएं कि विपक्ष के किस नेता ने पत्रकारों पर खबर बनाने के लिए कहा। ऐसा है तो सदन से प्रेस गैलरी को ही हटवा दो। इस दौरान सुरेश भारद्वाज और मुकेश अग्निहोत्री के बीच भी काफी बहस हुई। दोनों पक्षों के नेता अपनी-अपनी सीटों पर खड़े होकर जमकर नारेबाजी करते रहे। विधानसभा अध्यक्ष उन्हें बैठने के लिए कहते रहे, लेकिन विपक्ष के नेता काफी देर बाद शांत हुए।
बगैर नोटिस विपक्ष को दिया बात रखने का मौका: परमार
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने खड़े होकर हंगामे के बीच करीब पचास बार विपक्ष को बैठने के लिए कहा। इस मामले का कोई नोटिस नहीं दिया गया था। इसके बावजूद विपक्ष को बात रखने का मौका दिया गया। दो दिन पहले भी ऐसा ही मोशन सदन में लाया जा चुका है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्वाइंट ऑफ ऑर्डर एक रूल है और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विपक्ष को बोलने का मौका दिया गया। ऐसे में उनका सदन को छोड़ कर जाने का कोई औचित्य ही नहीं बनता था।
बल्ह मामले में जल्द होगी गिरफ्तारी: सीएम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन को बताया कि इस प्रकार के मामले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ऐसा करने वालों को किसी दल के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। जिसने गलत किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के अंतरराष्ट्रीय मेले के दौरान जिस व्यक्ति के खिलाफ अनुसूचित जाति के लोगों से दुव्यर्वहार का मामला दर्ज किया गया है वह कांग्रेस का पदाधिकारी और जिला परिषद का सदस्य है।
उन्होंने बताया कि तरयामली गांव में हुए इस मामले की जांच डीएसपी अनिल पटियाल कर रहे हैं और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी होगी। पुलिस ने कहा है कि वह पीडि़त परिवार के एससी प्रमाण पत्र का इंतजार कर रही है। सरकार यह प्रयास करेगी कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।