शिमला:
बड़े मंदिरों और शक्तिपीठों के कपाट बंद करवाने के बाद अब हिमाचल में अब शादियों, मुंडन की धाम से लेकर रिटायरमेंट पार्टियों तक पर प्रतिबंध लग गया है। कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश एपीडेमिक डिजीज रेगुलेशन 2020 के तहत ये आदेश जारी किए गए हैं।
इस कानून को सरकार ने हाल ही में लागू किया था। ये कार्यालय आदेश अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान की ओर से जारी हुए हैं। इन आदेशों के बाद अब जिलाधीश भी अपने जिलों में किसी प्रकार के सामाजिक भोज, धार्मिक आयोजन, राजनीतिक रैली, खेल एवं सांस्कृतिक आयोजन आदि की अनुमति नहीं दे पाएंगे।
ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि लोगोंं को एकत्र होने से रोका जा सके। इन आदेशो से जनसाधारण को समारोहों, सिनेमाघरों, रेस्तरां व अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थलों पर अनावश्यक रूप से न जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मंदिरों के कपाट सरकार ने बंद करवा दिए हैं।
धार्मिक स्थलों पर पूजा-अर्चना प्रक्रिया संबंधित प्रबंधन द्वारा यथावत तरीके से जारी रहेगी। किसी भी प्रकार के भंडारे, लंगर, भोज व सामुदायिक रसोई के आयोजनों पर भी 31 मार्च तक प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदेश में शादियों का शुभ मुहर्त 15 अप्रैल से शुरू होगा। प्रदेश में नवरात्रों के उपलक्ष्य पर लोगों जो कार्यक्रम रखे थे, उन्हें अब स्थगित करना होगा।
कोरोना पर सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
इंतजामों और तैयारियों पर अप्रैल के पहले सप्ताह में होगी अगली सुनवाई
कोरोना वायरस को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य की जयराम सरकार को नोटिस जारी कर वायरस से निपटने संबंधी तैयारियों की रिपोर्ट तलब की है। नरेश्वर सिंह चंदेल द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की एक खंडपीठ ने ये आदेश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि भले ही हिमाचल में अभी तक कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन यह प्रदेश कोरोना वायरस के लिए बेहद संवेदनशील है।
उनके अनुसार बहुत से पर्यटक नेपाल से हिमाचल पहुंचते हैं और चीन के निकट होने के कारण नेपाल में इस बीमारी का सर्वाधिक खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यद्यपि राज्य सरकार निवारक उपाय कर रही है, लेकिन वे नाकाफी हैं, क्योंकि कोरोना वायरस के संदिग्धों व रोगियों के लिए आईजीएमसी व टांडा अस्पतालों में केवल चार ही आइसोलेशन वार्ड आवंटित किए गए हैं।
जबकि यह बीमारी आग की तरह फैल रही है और इससे निपटने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब दायर करने का नोटिस जारी कर मामले मामले की सुनवाई अप्रैल माह के पहले सप्ताह में निर्धारित की है।