हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
हिमाचल सरकार अपने कर्मचारियों को छठा वेतन आयोग कब से देगी, इस बारे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को स्थिति स्पष्ट कर सकते सकते हैं। विधानसभा में 6 मार्च को पेश किए गए बजट पर जारी चर्चा का जवाब सोमवार को मुख्यमंत्री ने देना है। इसमें वह उन सभी मामलों पर बोलेंगे, जो विपक्ष के विधायकों ने उठाए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा बजट पेश करने के बाद पंजाब सरकार का बजट आया था और उसमें पंजाब में 1 जुलाई से छठा वेतन आयोग देने का एलान कर दिया है।
हालांकि अभी पंजाब में भी नए वेतन आयोग की सिफारिशें सामने नहीं आई हैं। मुख्यमंत्री ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा था कि नए वेतन आयोग पर पंजाब जैसे ही फैसला ले लेगा, हिमाचल सरकार भी उसी अनुसार आगे काम करेगी। अब बजट पेश करने और बजट चर्चा का जवाब देने के बीच पंजाब ने वेतन आयोग पर अपनी तारीख दे दी है। ऐसे में मुख्यमंत्री भी अब सदन में यह स्पष्ट कर सकते हैं कि नए वेतन आयोग पर राज्य सरकार क्या सोच रही है? इसके अलावा बजट चर्चा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कर्मचारियों के लंबित मामले उठाए थे। इनमें न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन देने के लिए कमेटी का गठन अनुबंध अवधि को 3 साल से 2 साल करना और आउटसोर्स तथा एसएमसी जैसे मामले मुख्य थे।
इसके बाद कांग्रेस के कई विधायकों ने कर्मचारियों के मामलों को सदन में रखा, जिनमें राजेंद्र राणा का नाम भी शामिल है। अब इन मामलों को लेकर भी मुख्यमंत्री क्या कहते हैं वह सोमवार को पता चलेगा। सोमवार को ही मुख्यमंत्री बजट प्रबंधन एवं वित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम यानी एफआरबीएम एक्ट में संशोधन के लिए भी प्रस्ताव लाएंगे, क्योंकि कोरोना काल के बाद राज्य की लोन लिमिट बदल गई है। इसलिए हो सकता है यह संशोधन लाया जा रहा है।
शगुन योजना पर क्या समीक्षा करेगी सरकार
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट में एससी, एसटी और ओबीसी में से भी बीपीएल परिवारों की बेटियों के लिए शादी के वक्त 31,000 रुपये का शगुन देने की योजना लाई थी। लेकिन बजट चर्चा के दौरान और सदन के बाहर भी आम जनता में इस योजना को लेकर कुछ आपत्तियां उठी हैं। लोगों का तर्क है कि बेटियों को शगुन देने के लिए जाति का बंधन डालना सही नहीं है। सिर्फ गरीबी के आधार पर ही स्कीम होनी चाहिये। अब देखना है कि मुख्यमंत्री अपने जवाब में इस पर क्या कहते हैं?