शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश को सूचना प्रौद्योगिक (आईटी) क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार से 664 करोड़ रुपये की सौगात मिली है। इस आशय की चिट्ठी प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय को आई है जिन्होंने केंद्र सरकार के सामने हिमाचल के उन 544 गांवों के लिए कनेक्टिविटी का मसला उठाया था जहां पर इंटरनेट की सुविधा नहीं है। प्रदेश में ऐसे गांव हैं जहां पर इंटरनेट नहीं और वहां बच्चों को पढ़ाई में कोरोना काल में दिक्कत पेश आई थी।
ऐसे में उस समय जो मामला केंद्र सरकार से उठाया गया था उसकी एवज में 664 करोड़ रुपये की राशि हिमाचल को देने का निर्णय लिया गया है। अब अधिकारियों के हाथ में है कि वह इस प्रोजेक्ट को कितनी जल्दी यहां पर पूरा करते हैं क्योंकि इसी प्रोजेक्ट के तहत आने वाले समय में प्रदेश को एक हजार करोड़ रुपये की राशि लेने का प्रयास किया जाएगा।
यह राशि आईटी क्षेत्र के लिए राज्यों को विशेष सहायता के रूप में प्रदान की जा रही है जिसमें हिमाचल का हिस्सा तय किया गया है। काम कितनी जल्दी पूरा होता है और किस स्तर का होता है उसकी मूल्यांकन करने के बाद स्पेशल ग्रांट की राशि बढ़ाई जा सकती है। बता दें कि प्रदेश को पहली बार आईटी के लिए इतनी बड़ी रकम केंद्र सरकार से मंजूर हुई है। कई दूसरे क्षेत्रों में भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं जिसमें भी केंद्र सरकार मदद कर रही है मगर आईटी में पहली बार इतनी बड़ी ग्रांट हिमाचल को हासिल हो रही है। कई राज्यों को इस तरह की विशेष ग्रांट प्रदान की गई है।
प्रोजेक्ट के तहत किस तरह का काम किया जाना है इसकी भी एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है जिस पर काम करना होगा। इसके तहत हिमाचल प्रदेश के उन 544 गांवों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करनी है जहां पर अभी मोबाइल का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे इलाके प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के साथ-साथ कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, चंबा, शिमला, सोलन, सिरमौर जिलों में हैं जहां पर इंटरनेट की सुविधा नहीं।
गांव स्तर पर केंद्र सरकार आईटी की सभी सेवाएं प्रदान करना चाहती है क्योंकि अब डिजिटल भारत का जमाना है और वहां पर भी ऐसी सेवाएं तभी होंगी जब इंटरनेट होगा। इस कनेक्टिविटी के लिए सरकार को आईटी से जुड़े सभी तरह के कार्य करने की छूट रहेगी। इसमें पंचायतों, अस्पतालों, स्कूलों को सूचना प्रौद्योगिकी से जोडऩे के लिए सरकार कुछ भी काम कर सकती है। विस्तृत गाइडलाइन पर काम शुरू किया जाएगा।
प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम करें अधिकारी
जानकारी के अनुसार यहां सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिए हैं। उन्हें कहा गया है कि प्रोजेक्ट पर तेजी के साथ काम करें और कंपलायंस रिपोर्ट दें। इससे संबंधित जो पत्र उन्हें मिला है उसे भी आगे दे दिया गया है अब मंत्रालय से इस पर अधिकारी आगे चर्चा करेंगे।
सूचना प्रौद्योगिकी का बड़ा प्रोजेक्ट हिमाचल को मिला है। केंद्र सरकार से इस मामले को उठाया था जिन्होंने स्पेशल असिस्टेंस के रूप में 664 करोड़ रुपये हिमाचल के लिए रखे हैं। अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं जल्दी ही यहां पर काम
शुरू होगा।
– डॉ. रामलाल मार्कंडेय
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री।