विशेष संवाददाता :शिमला
हिमाचल प्रदेश को जीएसटी मुआवजे के तौर पर केंद्र सरकार ने 838 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट कर इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है। वहीं राज्य ने खुद अप्रैल व मई दो महीने में 390 करोड़ रुपये की राशि जीएसटी के रूप में जुटाई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी मुआवजे की बकाया 86912 करोड़ की रकम जारी कर दी है। राज्यों को जारी जीएसटी मुआवजे की रकम में हिमाचल का हिस्सा 838 करोड़ बनता है। जीएसटी जुलाई 2017 में प्रारंभ हुआ था और इसका मुआवजा राज्य सरकार को लगातार मिल रहा है।
मगर जून महीने में यह मुआवजा बंद कर दिया जाएगा। समूचे देश में जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने 101वां संविधान संशोधन कर राज्यों को 5 साल तक जीएसटी मुआवजे की राशि देने का फैसला लिया था। मुआवजे की रकम जून माह के बाद मिलनी बंद होगी। जीएसटी मुआवजा बंद होने से हिमाचल जैसे कमजोर अर्थव्यवस्था वाले राज्यों को अधोसंरचना विकास पर होने वाले पूंजीगत खर्चों को पूरा करने के लिए और कर्ज लेने पड़ सकते हैं। लिहाजा हिमाचल सरकार के साथ साथ कई अन्य राज्यों ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर जीएसटी मुआवजा जून 2022 के बाद भी जारी रखने का आग्रह किया है।
इसके पीछे तर्क न सिर्फ राज्यों की अर्थव्यवस्था की हालत का दिया जा रहा है, बल्कि कोविड काल में राज्य को हुए आर्थिक नुकसान को भी सरकार ने आधार बनाया है। प्रदेश को जीएसटी मुुआवजे के तौर पर हर साल करीब 3400 करोड़ की रकम केंद्र से मिलती है। केंद्र सरकार हर 2 माह बाद मुआवजे की रकम जारी करती है। जुलाई माह से प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से खजाने में आने वाली यह रकम आनी बंद होगी।
मई में जीएसटी कलेक्शन से केंद्र को 1.41 लाख करोड़ प्राप्त
नई दिल्ली। मई में वस्तु एवं सेवा कर से सरकार को 1.41 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जीएसटी कलेक्शन 44 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले 2 महीने से जीएसटी कलेक्शन में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी। अप्रैल में रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ था।
मार्च में जीएसटी राजस्व 1.42 लाख करोड़ रुपये था और फरवरी में 1.33 लाख करोड़ रुपये। वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि मई 2022 में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,40,885 करोड़ रुपये रहा जिसमें सीजीएसटी 25,036 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 32,001 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 73,345 करोड़ रुपये और सेस 10,502 करोड़ रुपये रहा है।