एक सफाई कर्मचारी छुट्टी पर तो दूसरा कई दिनों से गायब, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लिया जा रहा मसाजर का काम, सरकार के आयुर्वेद को बढ़ावा देने के दावे हो रहे खोखले साबित
सतीश शर्मा। बिलासपुर : जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय के पंचकर्म भवन में सफाई व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। कई दिनों से साफ-सफाई न होने से पूरे परिसर में दुर्गंध फैली हुई है और मरीजों का सांस लेना भी दूभर हो रहा है। सफाई कर्मचारियों की कमी इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि इस कमी को दूर कौन करेगा।
बिलासपुर के आयुर्वेदिक अस्पताल में तैनात चिकित्सक जहां प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देकर अधिक से अधिक लोगों को इस पद्धति की ओर आकर्षित करने में जुटे हुए हैं, वहीं यहां के पंचकर्म परिसर में आने वाले रोगी पछता रहे हैं। हालांकि उन्हें उपचार तो बेहतर मिल रहा है और उनकी वर्षों पुरानी बीमारियां ठीक हो रही हैं, लेकिन उन्हें इस परिसर में एक-एक दिन गुजारना मुश्किल हो रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण सफाई व्यवस्था है।
जिस अस्पताल में दिन में तीन-तीन बार सफाई होनी जरूरी है, उसकी यदि तीन दिन तक सफाई नहीं की जाए तो वहां की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है और यही आलम पंचकर्म परिसर का हो चुका है। मंगलवार को पंचकर्म भवन की सफाई व्यवस्था को देखकर तो यही लगा कि पिछले कई दिनों से यहां के कमरों, गैलरी और शौचालयों की सफाई नहीं की गई है। चारों ओर दुर्गंध फैली हुई थी, जिससे यहां उपचाराधीन मरीज बेहाल नजर आए।
पता करने पर मालूम हुआ कि अस्पताल में दो सफाई कर्मचारी और चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। एक सफाई कर्मचारी अवकाश पर है और दूसरा पिछले कई दिनों से ड्यूटी से गायब है, जबकि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से विभाग द्वारा मसाजर का काम लिया जा रहा है, क्योंकि अस्पताल में मसाजर ही मौजूद नहीं हैं, जबकि मसाजर भेजने को लेकर विभाग के उच्चाधिकारियों से लंबे समय से मामला पत्राचार तक ही सीमित हो कर रह गया है।
इससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार की आयुर्वेद को बढ़ावा देने की घोषणाएं खोखली साबित हो रही हैं। ऐसे में उन मरीजों का क्या कसूर जो सरकार की बेहतर सेवाएं देने की घोषणाओं के कथित बहकावे में आकर प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से यहां अपना इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं। दुर्गंधयुक्त पंचकर्म परिसर होने के बावजूद सभी वार्डों में महिला व पुरुष रोगी अपना इलाज करवाने के लिए विवश हो रहे हैं।
क्या कहते हैं जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. जयगोपाल
इस बारे में जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. जयगोपाल शर्मा का कहना है कि विभाग मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कृतसंकल्प है, लेकिन कर्मचारियों की कमी से कुछ परेशानी आ रही है। उन्होंने बताया कि यहां तैनात दो सफाई कर्मचारियों में से एक पिछले कई दिनों से ड्यूटी से गायब है और उसे नोटिस जारी किया गया है, जबकि दूसरे की आंख का आपरेशन हुआ है और वह अवकाश पर है। इस समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है और अस्पताल की सफाई व्यवस्था को ठेके पर देने की मांग की जा चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा।