नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को दावा किया कि उसने संशोधित नागरिकता कानून (सीएस) को लेकर उच्चतम न्यायालय में अंतरिम स्थगन की मांग नहीं की और आरोप लगाया कि इस बारे में झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। पार्टी ने कहा कि यह कानून भारत के वैश्विक दायित्वों के खिलाफ है।
कांग्रेस पार्टी की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को संशोधित नागरिकता कानून की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करने का निश्चय किया। लेकिन उसने इस कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ यचिका में कांग्रेस ने कानून पर अंतरिम रोक लगाने की मांग नहीं की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून असंवैधानिक है और यह पूर्व की सरकारों द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय संधियों के खिलाफ जाता है।
सिंघवी ने कहा, अदालत में दायर याचिका में आज की मुख्य याचिका हमारी थी जो जयराम रमेश ने दायर की थी। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि किसी याचिकाकर्ता ने अंतरिम रोक की मांग नहीं की थी। हमने अंतरिक रोक की मांग नहीं की थी। हमने केवल कारण बताओ नोटिस जारी करने की मांग की थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी याचिका को लेकर झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। इस संबंध में 55-60 याचिकाएं थी और उच्चतम न्यायालय ने प्रारंभ में ही स्पष्ट कर दिया था कि वे मुख्य याचिका पर नोटिस जारी कर रहे हैं जिस पर 22 जनवरी को अगली सुनवाई होगी। उन्होंने कहा, यह कानून संविधान में वर्णित समानता के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।
इसमें प्रताडऩा का पता लगाने का कोई प्रावधान नहीं है और यह चुनिंदा है। इसमें अजीब बात यह है कि कानून में प्रताडऩा शब्द का जिक्र नहीं है। यह केवल बयानों तक सीमित है। उन्होंने कहा, नया कानून भारत की बुनियादी भावना को आहत करता है। और इसलिए हम अंत तक इसके खिलाफ खड़े रहेंगे और लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान की भर्त्सना की जानी चाहिए कि प्रदर्शनकारियों की पहचान कपड़ों से की जाती है। उन्होंने कहा कि मोदी समूचे भारत के प्रधानमंत्री हैं, किसी विशेष समुदाय या वर्ग के नहीं हैं।
सिंघवी ने कहा, हमारा प्रधानमंत्री हिन्दुओं या मुसलमानों के लिए नहीं होता। हमारा प्रधानमंत्री ईसाइयों और बौद्धों के लिए नहीं होता। हमारा प्रधानमंत्री भारत के लिए होता है…बड़ा वर्ग विश्वास खो रहा है क्योंकि भाजपा के बहुत वरिष्ठ नेता बहुत विभाजनकारी बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, यह वह प्रधानमंत्री है, जो बहुत प्रखर वक्ता हैं और (समस्याओं को) संबोधित नहीं करना चाहते।
लोगों का भरोसा उठ रहा है क्योंकि वरिष्ठ नेताओं द्वारा समान रूप से विभाजनकारी टिप्पणियां की जा रही है। एनआरसी जैसे ठोस कदम के कारण लोग विश्वास खो रहे हैं…पूरे देश के लिए अब खतरा है…। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की हिंसक घटनाओं पर सिंघवी ने विश्वास व्यक्त किया कि उच्चतम न्यायालय समयबद्ध जांच का आदेश देगा जिसे दो या तीन सप्ताह में पूरा करना होगा।