राज्य पर्यावरण एवं संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में बोले मुख्यमंत्री
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को राज्य पर्यावरण एवं संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के शांत व स्वच्छ पर्यावरण को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि वर्तमान और नई स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण नियंत्रण के सभी मापदंडों को पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई स्थापित होने वाली औद्यागिक इकाइयों में प्रदूषण उपचार संयंत्र अनिवार्य बनाया जाए, ताकि पर्यावरण में न्यूनतम प्रदूषण फैले। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह भी सुनिचित करना चाहिए कि सभी वर्तमान अपशिष्ट उपचार संयंत्र उचित प्रकार से चले, ताकि औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले पानी से प्रदूषण न हो। जयराम ने कहा कि जल एवं ठोस कचरा प्रदूषण के अतिरिक्त वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि टैंकरों से पानी उपलब्ध करवाकर कच्चे सड़क मार्गों पर धूल हटाने के लिए नियमित रूप से सफाई की जाए।
इसके साथ ही सड़क किनारे वृक्ष लगाए जाएं। इन क्षेत्रों में खुले स्थानों पर हरित क्षेत्र, बागीचे और पार्क विकसित किए जाएं, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने संबंिधत अधिकारियों को मल निकास पाइपों के उचित रखरखाव करने के निर्देश दिए। पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने मुख्यमंत्री को अश्वस्त किया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यह सुनिश्चित बनाएगा कि राज्य के प्रदूषण मुक्त पर्यावरण को हर कीमत पर संरक्षित रखा जाए।
दोषियों के विरुद्ध बोर्ड आवश्यक कार्रवाई करेगा। बोर्ड के सदस्य सचिव आदित्य नेगी ने बैठक का संचालन किया। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार, प्रधान सचिव जेसी शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय कुमार, सचिव डॉ. आरएन बत्ता एवं सी. पालरासु, निदेशक नगर नियोजन विभाग ललित जैन और निदेशक उद्योग हंसराज भी मौजूद थे।
कालाअंब में लगेगा अपशिष्ट उपचार संयंत्र
जयराम ठाकुर ने कहा कि बद्दी-बरोटीवाला, नालागढ़, कालाअंब व परवाणु जैसे औद्योगिक नगरों में प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए। बद्दी में अपशिष्ट उपचार संयंत्र के सुधार का कार्य शीघ्रता से पूरा किया जाए, जिससे उद्योगों से सिरसा नदी में जाने वाले 1.10 एमएलडी कूड़े का उपचार सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि काला अंब में भी अपशिष्ट उपचार संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त कालाअंब में ठोस कचरा प्रबंधन की सुविधा प्रदान करने का भी प्रस्ताव है।