शकील कुरैशी: शिमला
हिमाचल प्रदेश में भले ही विपक्षी दल कांग्रेस जल जीवन मिशन को लेकर निशाना साधता रहा है मगर सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार हिमाचल की परफॉर्मेंस से खुश है। यही वजह है कि इस मिशन के तहत जलशक्ति विभाग द्वारा किए जा रहे काम से खुश होकर तीसरी बार प्रदेश को इंसेंटिव हासिल हुआ है। केंद्र सरकार ने पहले 57 करोड़ फिर 211 करोड़ का इंसेंटिव दिया और अब तीसरी बार 750 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया गया है। यह राशि प्रदेश सरकार को प्रोजेक्ट की मंजूर राशि से अलग अच्छे काम के लिए दी जाएगी।
बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 2 लाख 26 हजार नल लगाने का लक्ष्य रखा गया था मगर इससे कहीं अधिक जलशक्ति विभाग ने प्रदेश में 3 लाख एक हजार नल लगाए। टार्गेट से ज्यादा काम करने पर हिमाचल को इंसेंटिव देने का एलान केंद्र सरकार ने किया है। इसकी स्वीकृति का पत्र प्रदेश को प्राप्त हो गया है और जल्दी ही यह राशि भी प्रदेश के खाते में आ जाएगी। यह पैसा भी जल जीवन मिशन में पर लगेगा। पिछले वित्त वर्ष 1262 करोड़ रुपये की राशि खर्च होनी थी जो केंद्र सरकार से हिमाचल को मिली। इसके अलावा अब 750 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
जल जीवन मिशन वर्ष 2024 तक चलेगा जिसमें प्रदेश में 17 लाख 27 हजार नए नल लगाने का टार्गेट दिया गया है। यह कुल परियोजना 4500 करोड़ रुपये की है जिसमें प्रदेश को तीसरी बार इंसेंटिव दिया गया है। हिमाचल के हर घर में नल की व्यवस्था और नल में शुद्ध जल की व्यवस्था को लेकर जल जीवन मिशन पर काम किया जा रहा है जोकि केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसके लिए केंद्रीय बजट में अलग से विशेष प्रावधान रखा गया है।
हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के लिए इस तरह के केंद्रीय मिशन बहुत ज्यादा लाभकारी साबित हो रहे हैं। पेयजल व्यवस्था के लिए यह मिशन प्रदेश में चल रहा है तो दूसरी तरफ पीएमजीएसवाई ने प्रदेश में सड़कों के निर्माण में महत्वपूर्ण काम किया है। इसी तरह से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत भी प्रदेश को लगातार प्रोजेक्ट मंजूर हो रहे हैं जिससे यहां पर सिंचाई की भी भरपाई हो रही है। कुल मिलाकर केंद्र सरकार के इन प्रोजेक्टों ने हिमाचल को संबल दिया है।
विपक्ष लगातार साधता रहा निशाना
जल जीवन मिशन को लेकर लगातार विपक्ष निशाना साधता है जिसमें कहा जाता है कि कुछ विशेष क्षेत्रों के लिए ही यह प्रोजेक्ट चल रहा है। खासकर मंडी जिला केे दो क्षेत्रों का जिक्र किया जाता है, लेकिन पिछले दिनों विधानसभा में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में इस मिशन के तहत हो रहे काम की पूरी जानकारी रखी थी। इतना ही नहीं जल जीवन मिशन से जो एरिया छूट रहे हैं उनके लिए दूसरे प्रोजेक्टों से भी योजनाएं बनाने पर काम चल रहा है। एनडीबी से भी हिमाचल को ब्रिक्स का बड़ा प्रोजेक्ट मंजूर हो चुका है वहीं शिवा परियोजना में कई स्कीमें तैयार करने के प्रस्ताव हैं।
जल जीवन मिशन में 750 करोड़ का इंसेंटिव मिला है। जो लक्ष्य रखा गया है उससे अधिक काम करेंगे जिसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। लगातार इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की जा रही है।
– संजीव कौल, ईएनसी, जलशक्ति विभाग।