नई दिल्ली (भाषा) भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा एवं विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के दौरान अपने रणनीतिक संबंधों और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य की सोमवार को विस्तृत समीक्षा की। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने मौजूदा क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की और रक्षा उद्योग एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के तरीके तलाशे।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई रक्षा सचिव अजय कुमार और विदेश सचिव विजय गोखले ने की जबकि ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का नेतृत्व रक्षा सचिव ग्रेग मोरिआर्टी और विदेश सचिव फ्रांसेस एडमसन ने किया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, द्विपक्षीय रक्षा संबंधों, रक्षा उद्योग एवं रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ ही मौजूदा क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उत्पन्न स्थिति पर भी चर्चा की और क्षेत्रीय शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए करीब से काम करने का संकल्प लिया।
चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तेजी से सैन्य एवं आर्थिक प्रभाव को बढ़ा रहा है जिससे क्षेत्र एवं उससे परे कई देशों की चिंता बढ़ गई है। दोनों पक्षों ने अपने समुद्री सहयोग की भी समीक्षा की और क्षेत्र में समान हितों के बचाव के लिए इसका दायरा और बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका क्वाड व्यवस्था के तहत सामरिक दृष्टि से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में करीब से काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2017 में, चार देशों ने हिंद-प्रशांत के अहम समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए नई रणनीति विकसित करने के क्रम में काफी समय से लंबित क्वाड गठबंधन को आकार दिया था। टू प्लस टू वार्ता से पहले, दोनों देशों के रक्षा सचिवों ने द्विपक्षीय बैठक की थी।