– राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने जारी किया नया आदेश
– धरना, हड़ताल, अनशन की अनुमति नहीं
– धार्मिक आयोजन पर भी पांबदी
– मानसून सत्र से पहले लोकसभा व राज्यसभा में नए रूल
– विपक्ष ने उठाए सवाल
– कहा अधिकारों को कूचलने का किया जा रहा है प्रयास
लोकसभा राज्यसभा में नियम सख्त होने लगे है। 18 जुलाई से मानसून सत्र शुरू होने वाला है। इसी बीच राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने एक नया आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि संसद में किसी भी तरह के धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले गुरूवार को कई शब्दों पर रोक लगाई गई थी। शुक्रवार को आयोजित निर्देशों के अनुसार सांसद किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, अनशन या किसी भी तरह के धार्मिक समारोह संसद भवन के परिसर में नहीं कर सकेंगे। राज्यसभा महासचिव ने इसके लिए सदस्यों का सहयोग भी मांगा है। इससे पहले बुधवार को लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों की लिस्ट जारी की थी।
आप नेता बोले- तानाशाही नहीं बोल सकते तो मोदी शाही बोल देंगे
आप नेता संजय सिंह ने भी केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि संसद में कई शब्दों पर रोक लगा दी गई है। अब इन शब्दों के पर्यायवाची निकाल लिए गए हैं। तानाशाही नहीं बोल सकते तो मोदीशाही बोल देंगे। दादागिरी की जगह मोदी-शाहगिरी बोल देंगे।
टीएमसी महुआ मोइत्रा का हमला
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी नए आदेश की आलोचना की। उन्होंने कहा कि क्यों ना गांधी जी की प्रतिमा को परिसर से हटा दिया जाए और आर्टिकल 19(1) को भी मिटा दिया जाए।