साहिल डढवाल। नूरपुर
पालमपुर के बाद अब नूरपुर में भी महंगी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। नूरपुर आरटीओ के नंबर पर करोड़ों रुपयों की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया गया है जिसे लेकर कांग्रेस ने इसे प्रदेश का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा करार दिया है।
साथ ही इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग भी की है। कांग्रेस ने इन गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन को महाघोटाला बताया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर की है जिसमे उन्होंने महंगी गाड़ियों के फोटो भी शेयर किए हैं। ये सभी गाड़ियां नूरपुर आरटीओ के नंबर से पंजीकृत हैं।
अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि क़रीब 5 हज़ार के आसपास गाड़ियां हिमाचल में रजिस्टर हुई जिसमें करोड़ों में दलाली बनती है। उन्होंने सवाल उठाया कि आख़िर इस गोरखधंधे के पीछे कौन है? उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि जिस तरह से पालमपुर में महंगी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फर्जी तरीके से हुई है, ऐसा अन्य जगहों पर भी हो सकता है।
उन्होंने आगे लिखा है कि हमारे द्वारा मामला उठाने के बाद हिमाचल सरकार ने ऐसी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन निरस्त करने का आदेश आनन-फ़ानन में कर दिया, मगर क्या फ़र्ज़ीबाड़े से रजिस्टर सब गाड़ियों को सरकार ज़ब्त करेगी? क्या इस मामले की जांच सरकार सीबीआई से करवाएगी? उन्होंने कहा कि इस घोटाले से सरकार को भी राजस्व का भारी-भरकम चूना लगा है। अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि गाड़ी के दाम औने-पौने दर्ज करने से जीएसटी का नुक़सान भी सरकार को हुआ।
उन्होंने अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हिमाचल के अफ़सरों को अपने अधीन क्षेत्रों में लोगों की ख़रीद क्षमता का पता नही है? क्या जब करोड़ 2 करोड़ की मर्सिडीज़, बीएमडब्ल्यू, सेवन सीरिज़ ऑडी या अन्य गाड़ियां रजिस्टर की तो उनका माथा एक बार भी नहीं ठनका कि क्या शहर में इसका कोई ख़रीददार हो सकता है या नहीं।