राजेंद्र ठाकुर। स्वारघाट
शिक्षा खंड स्वारघाट के तहत ग्राम पंचायत मंझेड़ में स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला काथला खास में अध्यापकों की कमी के चलते बच्चों का भविष्य धूमिल होता नजर आ रहा है।
ग्राम पंचायत मंझेड़ के गांव लोलमा, मंझेड़, समलेटू,थापना, नाल, बैंसका तथा भोलू के लोगों कृष्ण पाल, राज कुमार, सुरेश कुमार, कमल कृष्ण, देवेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार, संजीव कुमार, सोनू कुमार, संजय कुमार ने बताया कि एक तो पहले ही लगभग 19 माह बाद स्कूल खुले हैं, ऊपर से पाठशाला में तैनात एक मात्र जेबीटी अध्यापिका की मनमर्जी के चलते बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पाठशाला में तैनात अध्यापिका को बच्चों की नई एडमिशन कैसे करनी है, इसका पता तक नहीं है। पांच कक्षाओं के 50 बच्चों को एक ही कमरे में बैठा कर दरवाजे पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बैठा दिया जाता है। जो अभिभावक अपने बच्चों को पाठशाला में प्रवेश दिलाना चाहते हैं, वे पाठशाला के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं। अब बच्चों को पाठशाला में भेजना भी बंद कर दिया है।
लोगों का कहना है कि जब बच्चों को पाठशाला में प्रवेश ही नहीं दिया जा रहा है तो बच्चों को पाठशाला में भेजने का क्या फायदा। पाठशाला में अध्यापकों की कमी को लेकर ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल खंड शिक्षा अधिकारी स्वारघाट से मिला। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी स्वारघाट तथा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से आग्रह किया है कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला काथला खास में अध्यापकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए तथा पाठशाला में तैनात अध्यापिका का तबादला अन्यत्र किया जाए, ताकि बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बच सके।
लोगों का यह भी कहना है कि क्षेत्र के लोगों ने अपने बच्चों को निजी पाठशालाओं से हटा कर सरकारी पाठशालाओं में डालने की पहल की है लेकिन आगे से पाठशाला में तैनात अध्यापिका का ऐसा व्यवहार किया जाना चिंता का विषय है।
उधर खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षा खंड स्वारघाट देवेंद्र चौहान ने बताया की राजकीय प्राथमिक पाठशाला काथला खास में तैनात अध्यापिका की शिकायत उनके पास आई है जिसके लिए उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों को भेज दिया है तथा शीघ्र ही इस समस्या का हल किया जाएगा ताकि बच्चों का भविष्य खराब होने से बच सके।