पहले दो साल में जनमंच और ग्लोबल इन्वेस्टर मीट पर संतुष्ट हूं
राजेश मंढोत्रा। शिमला: हमने कई सरकारें ऐसी भी देखी हैं, जहां लोगों की तो क्या विधायकों की बात तक नहीं सुनी जाती थी। ज्यादा हुआ तो ‘प्रशासन जनता के द्वार’ हो जाता था, लेकिन पब्लिक के हाथ में माइक देकर बात केवल हमने सुनी।
इसलिए हमारी सरकार का जनमंच पूरे देश में अनूठा है। जहां मंत्री के सामने माइक पर समस्या बताई जाती है और संबंधित अफसर को खड़े होकर पब्लिक के बीच ही बोलना पड़ता है कि इसे सुलझाने में कितना वक्त लगेगा? इसके लिए जिगरा चाहिए।
‘हिमाचल दस्तक’ से विशेष बातचीत में ये बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पहले दो साल में जनमंच और ग्लोबल इन्वेस्टर मीट की सफलता उनके लिए सुकून भरी है। लगता है कि राज्य के लिए कुछ करने में सफल हुए। इस दौरान राज्य के लोगों का भरोसा जीता और एक लक्ष्य तय कर आगे बढ़े। जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार के लिए ये संतुष्टि भरा है कि कैग ने भी अपनी आडिट रिपोर्ट में ऋणों पर नियंत्रण की तारीफ की है। हालांकि ये इतना आसान काम नहीं है, क्योंकि अर्थव्यवस्था की हालत पहले से बिगाड़ रखी है।
आज कांगे्रस की सरकार होती तो लोन 60 हजार करोड़ पार कर गया होता। हमने 51 हजार करोड़ पर थाम रखा है। ये पूछे जाने पर कि अब दो साल बाद क्या लक्ष्य उनके सामने हैं? मुख्यमंत्री का जवाब था कि तीसरा साल राज्य के ‘क्रॉनिक मुद्देÓ सुलझाने पर होगा। राज्य के सरकारी कर्मचारियों के बहुत से मामले लंबे समय से लंबित हैं। इनमें से एक सीनियोरिटी का मसला भी है। राज्य में सरकार का बहुत सा वक्त तबादलों में चला जाता है। इसलिए मेरी इच्छा है कि एक तबादला नीति होनी चाहिए, ताकि उसी के अनुसार सब कुछ हो। हमने पहले साल भी शुरुआत की थी, लेकिन किन्हीं कारणों से ये कोशिश पूरी नहीं हो पाई।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आने वाले बजट सत्र के बाद ऐसे पुराने मसलों को सुलझाने पर ही सरकार जोर देगी, जो बहुत लंबे समय से लंबित हैं। कुछ मामले बजट में भी सुलझाए जा सकते हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट को सीएम जयराम ठाकुर ने अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह अपनी तरह का अनूठा प्रयास था।
निवेश को आकर्षित करने के लिए उनकी सरकार ने देश और विदेश में निवेशकों का भरोसा जीता। धर्मशाला में हुई इन्वेस्टर्स मीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेशकों को हिमाचल आने के लिए प्रेरित किया। ये बड़ी बात है कि पीएम मोदी ने धर्मशाला में देशी और विदेशी डेलीगेट्स के बीच खुद को इस आयोजन का गेस्ट न बताते हुए मेजबान बताया।
अब दो महीने से भी कम समय में दस हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में सरकारी क्षेत्र में विकास की अपनी सीमाएं हैं। छोटे राज्य के पास अपेक्षाकृत कम संसाधन हैं। ऐसे में रोजगार व आर्थिक मोर्चे पर उद्योगों के जरिए निवेश जरूरी है। जनमंच पर विपक्षी दल कांग्रेस के हमलों से जुड़े सवाल पर सीएम जयराम ठाकुर ने दो टूक कहा कि जिस बात पर विरोधी अधिक शोर करें, समझ लीजिए सरकार का वो कार्यक्रम सफल है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि जनता जनमंच में न आ सके तो ऑनलाइन ही अपनी शिकायत दर्ज करे। इसके लिए सीएम हेल्पलाइन शुरू की गई है। एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के कारण हिमाचल को कई लाभ मिले हैं। केंद्र से उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है। साढ़े दस हजार करोड़ से भी अधिक की योजनाओं को केंद्र ने हिमाचल के लिए मंजूर किया है।
प्रशासनिक फेरबदल होगा, मुख्य सचिव सीनियोरिटी से ही
मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 दिसंबर की शिमला रैली के बाद सरकार बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करने जा रही है। इसमें सचिवालय से लेकर जिलों तक में बदलाव संभव हैं। पहले दो साल और इन्वेस्टर मीट के दौरान के अनुभव भी इसका आधार होंगे। जहां
तक नए मुख्य सचिव का सवाल है तो सीनियोरिटी बाइपास करने जैसी कोई स्थिति अभी नहीं है।
कर्मचारी गुट साथ आएं, तो ही जेसीसी का है फायदा
इस सवाल पर कि दो साल से आपकी सरकार ने कर्मचारियों के साथ संयुक्त सलाहकार समिति यानी जेसीसी की बैठक तक नहीं की है? सीएम का जवाब था कि वर्तमान में कर्मचारी संगठन आपस में बंटे हुए हैं। मैंने कोशिश की थी कि ये एक हो जाएं। मुझे लगता है कि जब तक ये साथ मिलकर न आएं, जेसीसी का कोई लाभ नहीं है, क्योंकि बहुत से मुद्दे एक से हैं।
विपक्ष जिससे परेशान, समझो वो काम सबसे अच्छा
इन्वेस्टर्स मीट पर विपक्ष के आरोपों को लेकर सीएम ने कहा कि कांग्रेस जनमंच से परेशान, इन्वेस्टर मीट से परेशान। यानी ये दोनों कदम सही दिशा में थे। राजनीति में यही काम करने का पैमाना है। इनकी तिलमिलाहट बताती है कि जनता का भला हो रहा है। दो साल के कार्यकाल पर गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हर घर में एलपीजी पहुंचाने का दावा सभी नहीं कर सकते।
मंत्रियों के विभाग बदलेंगे, बिंदल पर हाईकमान लेगा फैसला
जयराम ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट में विस्तार के साथ जल्द ही मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल संभव है। अब इसमें कोई विलंब नहीं होगा। इसमें क्षेत्रीय संतुलन और सीनियोरिटी सहित अन्य पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा और अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व का रहेगा। वर्तमान में मंत्रिमंडल में दो पद खाली हैं और इस विस्तार में दोनों भरे जाएंगे।