विशेष संवाददाता। शिमला
केंद्र सरकार की नीति के तहत हिमाचल प्रदेश में ड्रोन की सेवाएं लेने को विशेष रणनीति बनाई गई है। यहां पर ड्रोन चलाने को विशेष रूप से पायलट तैयार किए जाएंगे। इनको विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा जो यहां ड्रोन चलाएंगे। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ड्रोन चलाने की योजना पर काम कर रहा है जिसे केंद्र सरकार बढ़ावा दे रही है। विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पायलट तैयार करने के लिए प्रदेश में अपनी तरह का पहला ड्रोन प्रशिक्षण स्कूल खोला जाएगा।
स्कूल खोलने के लिए विभाग ने जगह की तलाश तेज कर दी है। उद्योग विभाग के पास काफी बड़ा लैंड बैंक है। लिहाजा आईटी डिपार्टमेंट उनसे जमीन हासिल करने में मदद लेगा। उद्योग विभाग के लैंड बैंक को ध्यान में रखते हुए आईटी विभाग उद्योग विभाग से जगह की डिमांड कर रहा है जहां पर ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए स्कूल खोला जाए। इस स्कूल को खोलने के लिए विभाग को कम से कम तीन एकड़ जमीन की दरकार है।
जमीन के लिए विभाग उद्योग विभाग को पत्र लिख कर उचित जगह उपलब्ध करवाने की मांग कर रहा है। उद्योग विभाग से जमीन मिलने का मामला सिरे चढ़ते ही विभाग इस पर काम शुरू करेगा। स्कूल खोलने के लिए
प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और उसकी फंडिंग के लिए यह प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा ताकि यह प्रोजेक्ट जल्दी से सिरे चढ़े। आने वाले समय में ड्रोन चलाने वाले पायलटों की ज्यादा डिमांड रहने वाली है। कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य, आपदा जैसे कई महत्वपूर्ण कामों में इस तकनीक को इस्तेमाल में लाए जाने तैयारी चल रही है।
क्या कहते हैं निदेशक मुकेश रेप्सवॉल
विभाग के निदेशक मुकेश रेप्सवॉल का कहना है कि ड्रोन चलाने के लिए हिमाचल में पायलट तैयार किए जाएंगे। विभाग की यह योजना अभी प्रारंभिक स्टेज पर है। इसमें युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसके बाद उन्हें एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। सर्टिफाई एजेंसी द्वारा उचित जगह बताए जाने के बाद ही यह स्कूल यहां चलेगा।