नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के एलीट पैनल में अभी कोई भारतीय अंपायर शामिल नहीं है और प्रतिष्ठित अंपायर साइमन टोफेल को निकट भविष्य में भी किसी भारतीय के इसमें जगह बनाने की उम्मीद नहीं है क्योंकि उनका मानना है कि एक विश्व स्तरीय अधिकारी को तैयार करने में एक दशक का समय लगता है।
पैनल में 2015 से भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे एस रवि को इस साल की शुरुआत में हटा दिया गया। उन्होंने एशेज सहित 33 टेस्ट, 48 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 18 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की। अब संन्यास ले चुके और 2004 से 2008 के बीच दुनिया के नंबर एक अंपायर रहे टोफेल ने पीटीआई से कहा, विश्व स्तरीय अंपायर तैयार करने में 10 साल का समय लगता है। मुझे याद है कि 2006 में जब हमने भारत में हमारा कार्यक्रम शुरू किया था, इसके बाद एस रवि को एलीट पैनल में शामिल होने में 10 साल लगे।
उन्होंने कहा, इसलिए मुझे लगता है कि पुनर्विचार की जरूरत है (बीसीसीआई की ओर से)। मैं सुनिश्चित नहीं हूं कि कुछ गलत है। उन्हें अंपायरों की जरूरत है और सौरव गांगुली (बीसीसीआई के नए प्रमुख) जब घरेलू क्रिकेट को मजबूत करने की बात करते हैं तो संभवत: वह सही राह पर हैं और उम्मीद करता हूं कि अंपायरिंग भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। टोफेल ने कहा कि जल्द ही एलीट पैनल में किसी भारतीय के शामिल होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि इस प्रक्रिया में समय लगता है।
एस वेंकेटराघवन के बाद 53 साल के रवि 12 सदस्ईय आईसीस एलीट पैनल में जगह बनाने वाले दूसरे भारतीय थे। इस आस्ट्रेलियाई कोच ने कहा, यह सिर्फ अंपायरों की बात नहीं है, यह ढांचे और व्यवस्था की बात है। यह उस माहौल को तैयार करने की बात है जहां अंपायर प्रगति कर सकें। इसका मतलब है कि आपके पास समर्पित संसाधन होने चाहिए। आपको पास अंपायर मैनेजर, अंपायर कोच, अंपायर ट्रेनर होना चाहिए। टोफेल 2012 में संन्यास के बाद अक्टूबर 2015 तक आईसीसी के अंपायर परफोर्मेंस एवं ट्रेनिंग मैनेजर रहे।